डॉक्टर मनमोहन सिंह की मृत्यु के बाद उनके जिन गुणों की सबसे अधिक चर्चा की जा रही है, वे हैं संयम, सभ्यता, शालीनता, सहनशीलता, स्थिरता और संवाद के गुण।यह सोचकर आश्चर्य होता है कि बहुत दिन नहीं हुए, हमारी राजनीति में और उससे भी अधिक हमारी सत्ता में ये गुण मौजूद थे। इन गुणों के कारण ही हम ख़ुद को जनतंत्र कह सकते थे। कोई समाज या देश तभी जनतंत्र कहा जा सकता है जब सत्ता में ये गुण हों।
मनमोहन सिंह के समय जनता शक्तिशाली थी, आज लाचार क्यों?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

डॉ मनमोहन सिंह को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनाया था। उनके इस फैसले को इतिहास याद रखेगा, भले ही लोग अभी उस पर बात न कर रहे हों। लेकिन 2009 में शुरू हुई डॉक्टर सिंह की सरकार दूसरी पाली तुरत संकटों में घिर गई। उसके बाद भारतीय राजनीति में अराजकता, पाखंड, झूठ, उग्रता का बोलबाला हो गया जो अब तक जारी है। स्तभंकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद ने मनमोहन सिंह को इस लेख के जरिये जो श्रद्धांजलि दी है, दरअसल, वो मौजूदा दौर के राजनीतिक इतिहास का शानदार आकलन भी है। जरूर पढ़ियेः