शुक्रवार की सुबह साफ़ हो गया कि ‘हमास’ की हिंसा में हरेक फ़िलीस्तीनी की भागीदारी थी।आख़िर इज़राइल की बमबारी में  मरते हुए ग़ज़ावासियों में से किसी नेअपने आख़िरी शब्दों का इस्तेमाल हमास की आलोचना के लिए नहीं किया! एकमरती हुई औरत को खुले तौर पर हमास के उस हमले की निंदा करनी चाहिए थी,जिसमें 1300 इज़राइली मारे गए थे। लेकिन ऐसा करने की जगह उसने अपने तुरत मारे गए अपने 6 साल के बच्चे को यह कहा कि वह उससेप्यार करती थी।वे सारे लोग जिनकी उम्र युद्ध में जाने की थी जब खून की उल्टियाँकर रहे थे तो मरने के पहले उन्होंने ‘हमास’ की खुल कर निंदा नहीं की।