दिल्ली पुलिस के अधिकारी मनोज कुमार तोमर रैडिकल हैं या नहीं? उन्हें रैडिकल किसने बनाया? क्या उन्हें निलंबित करने के साथ इसकी जाँच चल रही है कि आख़िर तोमर साहब इस कदर मुसलमान द्वेषी कैसे हो गए कि दोज़ानू नमाज़ियों को ठोकर मारने में उन्हें ज़रा भी हिचक नहीं हुई? या यह विचार का विषय ही नहीं है? या यह पूछने पर कहा जाएगा कि यह तिल को ताड़ बना देना है?