सुना कि देश के 150 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य शिक्षा संस्थानों के प्रमुख कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी से नाराज़ हैं। विपक्षी नेता ने एक सम्मेलन में कह दिया था कि आजकल कुलपतियों या शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों का चयन उनकी अकादमिक उपलब्धि या नेतृत्व क्षमता के कारण नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनकी संबद्धता के कारण किया जाता है। कुलपतियों को इस पर ऐतराज है कि उनकी अकादमिक नेतृत्व के गुण पर सवाल उठाया गया है।