चुनाव आयोग भारत के हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। चुनाव आयोग की आड़ लेकर मतदाताओं पर हमला किया जा रहा है और इसे आयोग बर्दाश्त नहीं करेगा। जब बिहार के 7 करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं तो उसकी और मतदाता की साख पर कोई भी सवाल नहीं उठाया जा सकता है। क्या आप अपनी माताओं, बेटियों की निजता भंग करने की इजाज़त दे सकते हैं?
ज्ञानेश कुमार की ढिठाई, सीनाज़ोरी से ECI की साख बढ़ी या घटी ही?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 18 Aug, 2025

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के रवैये ने चुनाव आयोग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इससे आयोग की विश्वसनीयता बढ़ी या और घटी? पढ़ें अपूर्वानंद का कॉलम।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के मुँह से यह सब कुछ सुनते हुए क्या आपको कुछ याद आ रहा था? 2002 में जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री पर हिंसा भड़काने और उसे जारी रहने देने के आरोप लगे तो उन्होंने गरज गरज कर कहा था कि यह गुजरात की 5 करोड़ जनता पर आरोप है। अपने ऊपर लगे आरोप को उन्होंने गुजरात की जनता का अपमान बतलाया था। दावा किया था कि वे गुजरात का अपमान नहीं होने देंगे। सरकार पर लगे हर आरोप के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भारत की 125 करोड़ जनता पर आरोप है। जब उनपर देश की सुरक्षा के मामले में असफलता का आरोप लगा, उसे उन्होंने भारत की फ़ौज का अपमान बतलाया। हाल में ऑपरेशन सिंदूर में भी भारतीय पक्ष की कमजोरी के बारे में सवाल करने पर उनका जवाब था कि यह सवाल करके देश का और सेना का अपमान किया जा रहा है। जब विपक्ष या किसी और ने भारतीय अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप लगाया तो जवाब था कि यह कहना भारत के लोगों का अपमान है क्योंकि इसका मतलब यह है कि वे काम नहीं कर रहे, उत्पादन नहीं कर रहे।