पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता बनर्जी के भाषण के बीच हंगामा
पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया, जब बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों के खिलाफ कथित अत्याचारों पर चर्चा शुरू हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। बीजेपी विधायकों ने शोर-शराबा कर दिया। हंगामे के बीच बीजेपी के चीफ व्हिप शंकर घोष को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। शंकर घोष को जब निकालने के लिए मार्शल आए तो बीजेपी विधायक वेल में पहुँच गए और 'जय श्री राम' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान विधानसभा में नारेबाजी और धक्का-मुक्की के बीच शंकर घोष के घायल होने की खबर सामने आई। ममता बनर्जी ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार, वोट चोरी और बंगाली विरोधी भावना रखने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी को भ्रष्टाचारियों की पार्टी और वोट चोर करार दिया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी एक भ्रष्ट पार्टी है, वोट चुराने वाली पार्टी है। यह सबसे बड़ी डकैत पार्टी है। हमने संसद में देखा कि कैसे उन्होंने हमारे सांसदों को परेशान करने के लिए सीआईएसएफ का इस्तेमाल किया। वे बंगाली विरोधी हैं।' ममता ने बीजेपी पर बंगाल को दिल्ली से रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाने की कोशिश करने और औपनिवेशिक मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी बंगाल को अपनी कॉलोनी बनाना चाहती है। लेकिन बंगाल ऐसा होने नहीं देगा।'
हंगामा क्यों हुआ?
हंगामा तब शुरू हुआ, जब बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के 2 सितंबर को निलंबन पर सवाल उठाया। शुभेंदु को शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के खिलाफ सेना के बारे में कथित टिप्पणी पर नारेबाजी करने के लिए निलंबित किया गया था। बीजेपी विधायकों ने ममता के भाषण से पहले नारेबाजी शुरू की, जिसके जवाब में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के विधायकों ने भी नारे लगाए। इस दौरान बीजेपी चीफ व्हिप शंकर घोष भी विरोध में शामिल हो गए।
स्पीकर बिमान बनर्जी ने शंकर घोष को दिन भर के लिए निलंबित करने की घोषणा की, क्योंकि उन्होंने बंगाली प्रवासियों के खिलाफ कथित अत्याचारों पर चर्चा के दौरान व्यवधान पैदा किया। जब शंकर घोष ने सदन छोड़ने से इनकार किया तो विधानसभा के मार्शलों को बुलाया गया। मार्शलों ने उन्हें जबरन घसीटकर बाहर निकाला। इस दौरान धक्का-मुक्की में शंकर घोष के घायल होने की खबर आई। टीएमसी ने बीजेपी विधायकों के व्यवहार को असंसदीय करार दिया, जबकि बीजेपी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया।
ममता का बयान
ममता बनर्जी ने बीजेपी विधायकों के व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि वे बंगाली प्रवासियों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित एक गंभीर चर्चा को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'यह बंगाल का अपमान है। हम बंगाली अस्मिता और अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती।'
दूसरी ओर, बीजेपी ने ममता के बयानों को भड़काऊ और असंसदीय करार दिया। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, 'ममता बनर्जी बंगाल को वोट बैंक की राजनीति का अड्डा बना रही हैं। वे हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं और बंगाली अस्मिता के नाम पर लोगों को भड़का रही हैं।' बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार बंगाल में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में विफल रही है।
बंगाली प्रवासियों का मुद्दा
बंगाली भाषी प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया था। ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली प्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'बंगाल के लोग मेहनती हैं और अपने कौशल के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में काम करते हैं। लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में उन्हें बांग्लादेशी कहकर हिरासत में लिया जा रहा है। यह बंगाल और बंगाली अस्मिता पर हमला है।'
पश्चिम बंगाल से और ख़बरें
ममता ने केंद्र सरकार की उस अधिसूचना का भी ज़िक्र किया, जिसमें कथित तौर पर बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेने और डिटेंशन कैंप में रखने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, 'क्या हर बंगाली बोलने वाला बांग्लादेशी है? हमारे लोगों के पास पहचान पत्र हैं। बीजेपी को यह अधिकार किसने दिया कि वे बंगालियों को जेल में डालें?'
विधानसभा चुनाव से पहले हलचल
यह हंगामा 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले टीएमसी और बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव को दिखाता है। ममता बनर्जी ने पहले भी बीजेपी पर बंगाल में अशांति फैलाने और बंगाली अस्मिता को कमजोर करने का आरोप लगाया है। इस घटना ने दोनों पार्टियों के बीच वैचारिक और राजनीतिक टकराव को और गहरा कर दिया है।
बीजेपी ने ममता के बयानों को 'वोट बैंक की राजनीति' क़रार देते हुए कहा कि वे बंगाल में ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही हैं। वहीं, टीएमसी ने दावा किया कि ममता की यह लड़ाई बंगाल की संस्कृति, भाषा और अस्मिता को बचाने की है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार का हंगामा और ममता बनर्जी का तीखा भाषण राज्य की राजनीति में एक नए तूफ़ान का संकेत देता है। बीजेपी चीफ़ व्हिप शंकर घोष के निलंबन और घायल होने की घटना ने इस विवाद को और हवा दी है। जैसे-जैसे 2026 का चुनाव नजदीक आ रहा है, ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच यह टकराव और तेज होने की संभावना है।