निर्वाचन आयोग ने बंगाल में जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया है कि वे 2002 में रजिस्टर्ड मतदाताओं की मैपिंग तुरंत शुरू करें। क्योंकि 2002 की मतदाता सूची को 2025 की सूची के साथ जोड़ा जाना है। यह प्रक्रिया राज्य में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) शुरू होने से पहले पूरी होनी है। यानी बंगाल में 2002 की मतदाता सूची में दर्ज मतदाताओं की पुष्टि 2025 की मतदाता सूची में की जाएगी। कुल मिलाकर बंगाल में भी मृत मतदाता या माइग्रेट कर चुके मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएंगे। यह बिहार जैसी ही प्रक्रिया है लेकिन इसे एसआईआर नाम नहीं दिया गया, बल्कि एसआईआर इसके बाद करने की बात कही गई है। राज्य की सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी दलों कांग्रेस, सीपीएम, फॉरवर्ड ब्लॉक आदि ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बंगाल में मतदाता सूची मिलान की डेडलाइन 26 सितंबर है

2002 और 2025 की मतदाता सूचियों के मिलान करने की प्रक्रिया 26 सितंबर तक होगी। 2002 के मतदाताओं की मैपिंग 20 सितंबर तक पूरी करना है। संभावना है कि बंगाल में दुर्गा पूजा और अन्य राज्यों में दशहरा के बाद देशभर में एसआईआर शुरू होगा। एक सूत्र ने बताया, "2002 की मतदाता सूचियों की मैपिंग के साथ, यह कहा जा सकता है कि बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिला मजिस्ट्रेटों को 2002 के मतदाताओं की मैपिंग तुरंत शुरू करने के लिए कहा गया है। यह शायद सोमवार से शुरू होगी।"

बीएलओ बंगाल के हर घर में जाएंगे

मैपिंग के तहत, बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) 2002 की सूची में शामिल मतदाताओं के आवासों पर जाएंगे और उनकी स्थिति 2025 की सूची में जांचेंगे। मतदाताओं को उनके बूथ या निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा नंबर और 2002 की सूची में सीरियल नंबर दिया जाएगा। बंगाल में आखिरी बार 2002 में एसआईआर आयोजित किया गया था।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मैपिंग पारदर्शी ढंग से होनी चाहिए, और सुपरवाइजरों, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (एईआरओ) और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को बीएलओ के काम की निगरानी करने के लिए कहा गया है।

किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी

जब एसआईआर शुरू होगा, तो 2002 की सूची में शामिल मतदाताओं को अपने ईपीआईसी नंबर, क्षेत्र संख्या और सीरियल नंबर गणना फॉर्म में उल्लेख करना होगा। उन्हें कोई अन्य दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसी तरह, उनके बच्चे 2002 की सूची में दर्ज अपने माता-पिता के विवरण का इस्तेमाल करके अपने गणना फॉर्म जमा करेंगे।

बच्चों को माता-पिता के विवरण का इस्तेमाल करने का निर्देश

एक सूत्र ने कहा, "बीएलओ हर वोटर के नाम को वर्तमान मतदाता सूची में 2002 की सूची के साथ सत्यापित करेंगे। जिनके नाम दोनों सूचियों में हैं, उन्हें कोई अन्य दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। उनके बच्चे, यदि वे 2002 के बाद रजिस्टर्ड हुए हैं, तो वे भी अपने माता-पिता के विवरण का इस्तेमाल करके एसआईआर के दौरान फॉर्म भर सकेंगे। बीएलओ 2002 के मतदाताओं के उन बच्चों के विवरण भी नोट करेंगे जो उस वर्ष रजिस्टर्ज नहीं थे।"
बीएलओ विवरण को मैन्युअल रूप से नोट करेंगे। इससे निर्वाचन आयोग को 2002 के मतदाताओं और उनके बच्चों का डेटा बैंक बनाने में मदद मिलेगी, इससे पहले कि एसआईआर के दौरान गणना फॉर्म वितरित किए जाएं।
यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बंगाल में मतदाता सूचियों को अपडेट करने से संबंधित कार्यों में सतर्कता बरतने की जरूरत है। क्योंकि इस तरह के मामले सामने आए थे कि चार विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में कई फर्जी नाम जोड़े गए थे। निर्वाचन आयोग ने पहले ही राज्य से बरुईपुर (पूर्व) और मॉयना विधानसभा क्षेत्रों के दो ईआरओ और दो एईआरओ को निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है।
एक सूत्र ने बताया, "हालांकि सरकार ने अभी तक चार अधिकारियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन उन्हें निलंबित कर दिया गया है... निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों से संबंधित सभी कार्यों में सतर्कता बरत रहा है, और इसलिए बीएलओ की निगरानी उच्च अधिकारियों द्वारा की जाएगी।"
चुनाव आयोग से एक वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त 18 और 19 सितंबर को कुछ जिलों में मैपिंग कार्य की समीक्षा करने के लिए दौरा करने वाले हैं। वह जिला निर्वाचन अधिकारियों या डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करके पूरे मैपिंग कार्य की निगरानी करेंगे।एक अधिकारी ने कहा, "यह स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग बंगाल में एसआईआर शुरू करने से पहले मैपिंग कार्य को कितना महत्व दे रहा है।"