पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में बाढ़ और भूस्खलन की तबाही के बीच एक हिंसा की घटना ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। नागराकाटा क्षेत्र में बीजेपी के मालदा उत्तर से दो बार के सांसद और आदिवासी नेता खगेन मुर्मू पर कथित तौर पर पथराव और हमले की घटना घटी, जहाँ वे बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित करने और बचाव कार्यों में मदद के लिए पहुँचे थे। मुर्मू को सिर पर गंभीर चोटें आईं और खून से लथपथ हो गए, जबकि बीजेपी विधायक शंकर घोष के वाहन को तोड़फोड़ का निशाना बनाया गया। बीजेपी ने इस घटना का पूरा दोष सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी पर लगाते हुए इसे 'जंगल राज' बताया है। टीएमसी ने बीजेपी पर घटना पर राजनीतिक करने का आरोप लगाया है।

यह घटना तब हुई जब बंगाल के दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूच बिहार जिलों में पिछले 48 घंटों से हो रही लगातार बारिश के बाद भयावह बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुई हैं। नागराकाटा के दूआर क्षेत्र और दार्जिलिंग के मिरिक में सबसे ज़्यादा तबाही हुई, जहाँ घर बह गए, सड़कें धंस गईं और कई लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से फँसे पर्यटकों को निकालने के लिए 45 बसें तैनात की हैं, लेकिन केंद्र पर राहत कोष न देने का आरोप लगाया है।
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राहत कार्य के बीच हिंसा

घटना सोमवार दोपहर क़रीब 2 बजे नागराकाटा के बामनडांगा इलाक़े में घटी। बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने बागडोगरा से रवाना हुआ। इसमें सांसद खगेन मुर्मू, विधायक शंकर घोष, राज्य अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य और दार्जिलिंग सांसद राजू बिस्वा शामिल थे। वे राहत सामग्री वितरण और बचाव कार्यों का जायजा लेने जा रहे थे।

बीजेपी ने दावा किया है कि जैसे ही काफिला नागराकाटा पहुँचा, एक भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। मुर्मू के वाहन पर सीधा हमला हुआ, जिससे सभी खिड़कियां टूट गईं और सांसद को सिर पर चोट लगी। वीडियो फुटेज में मुर्मू को खून से सना चेहरा और सफेद दुपट्टा दिखाई दे रहा है, जब वे अस्पताल की ओर जाते हुए दर्द से कराहते नज़र आ रहे हैं। शंकर घोष ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'हमारे वाहन की सारी खिड़कियाँ तोड़ दी गईं। उन्होंने मेरे सिर पर भी निशाना साधा।' पुलिस तुरंत मौक़े पर पहुंची, लेकिन हमलावर भाग निकले। दोनों नेता अस्पताल में भर्ती हैं, जहां मुर्मू की हालत गंभीर बताई जा रही है।

बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि हमले में टीएमसी समर्थक शामिल थे, जो बाढ़ के बीच राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा पर उतर आए। टीएमसी ने कहा है कि पार्टी बाढ़ राहत कार्य में लगी है, लेकिन बीजेपी 'राजनीतिक' करने में जुटी है।

बीजेपी: टीएमसी का जंगल राज

बीजेपी ने इस घटना को राज्य में क़ानून-व्यवस्था की पूरी तरह विफलता का प्रमाण बताते हुए टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया, 'टीएमसी का जंगल राज! खगेन मुर्मू एक सम्मानित आदिवासी नेता और मालदा उत्तर से दो बार के सांसद हैं। उनको टीएमसी गुंडों ने नागराकाटा जाते वक्त हमला किया। वे बाढ़, भूस्खलन प्रभावितों की मदद के लिए जा रहे थे। ममता बनर्जी कोलकाता कार्निवाल में नाच रही थीं, जबकि टीएमसी और प्रशासन गायब थे। जो लोग मदद कर रहे हैं, उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है। यह टीएमसी का बंगाल है, जहां क्रूरता राज करती है और दया को सजा मिलती है।'

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "ममता पैनिक मोड में हैं। उन्होंने 'स्पेशल कम्युनिटी' के गुंडों को सड़कों पर उतार दिया ताकि बीजेपी नेता राहत कार्य न कर सकें। खगेन मुर्मू को बुरी तरह घायल कर दिया गया।" बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुर्मू से फोन पर बात की और उनकी सेहत का हाल जाना। 
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बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "यह दुर्घटना नहीं, टीएमसी के गुंडाराज का परिणाम है। संदेशखाली से लेकर कोयला, राशन घोटालों तक, बंगाल टीएमसी के अत्याचारों से खून बह रहा है। हम एफ़आईआर, सख्त कार्रवाई और राहत कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग करते हैं।'

खगेन मुर्मू मूल रूप से सीपीआई(एम) से थे और 2019 में बीजेपी में शामिल हुए। वह आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता हैं। बीजेपी का दावा है कि उनकी लोकप्रियता के कारण टीएमसी उन्हें निशाना बना रही है।

टीएमसी का जवाब

टीएमसी ने हमले से इनकार करते हुए बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'राज्य सरकार बाढ़ प्रबंधन में जुटी है। केंद्र ने एक पैसा भी नहीं दिया, फिर भी हम संभाल रहे हैं। बीजेपी नेता राहत के बहाने राजनीति कर रहे हैं।' एक टीएमसी नेता ने कहा, 'यह स्थानीय विवाद था, टीएमसी से कोई लेना-देना नहीं। पुलिस जाँच कर रही है।'
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पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हमलावरों की तलाश जारी है। जिले के एसपी ने कहा, 'घटना की जाँच हो रही है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।'

बंगाल की तबाही

पिछले 48 घंटों की भारी बारिश से उत्तरी बंगाल में भारी तबाही आई है। दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में भूस्खलन से सड़कें कट गईं, घर बह गए और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। नागराकाटा में कई मौतें हुई हैं, जबकि मिरिक में पर्यटक फंस गए। राज्य सरकार ने कहा है कि 45 बसें पर्यटकों को निकाल रही हैं, लेकिन बीजेपी ने राहत कार्य में देरी का आरोप लगाया। 

यह घटना पश्चिम बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा का एक और उदाहरण है, जो 2026 विधानसभा चुनावों से पहले तनाव को और बढ़ा सकती है। बीजेपी का कहना है कि टीएमसी राहत कार्यों को बाधित कर रही है, जबकि टीएमसी इसे राजनीतिक साजिश बता रही है।