पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के केंद्र में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा है। इसे कोलकाता पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर और सीरियल अपराधी क़रार दिया है। पुलिस और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मोनोजीत का आपराधिक इतिहास लंबा और भयावह है, जिसमें यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल और हिंसक अपराध शामिल हैं। 

मोनोजीत मिश्रा पहली बार देशभर में सुर्खियों में तब आया जब 25 जून 2025 को दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज के परिसर में 24 वर्षीया छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, यह अपराध दोपहर 3:30 बजे से रात 10:50 बजे तक क़रीब सात घंटे तक चला। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया है कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने उसे वॉशरूम के पास ले जाकर जबरदस्ती शुरू की। पीड़िता ने विरोध किया, लेकिन मोनोजीत ने उसकी एक न सुनी और अपराध को अंजाम दिया। इस घटना में मोनोजीत के साथ दो अन्य आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी भी शामिल थे। इसके अलावा एक सिक्योरिटी गार्ड को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसने कथित तौर पर अपराध को रोकने की बजाय वह अपराध में शामिल हो गया।
ताज़ा ख़बरें

मोनोजीत मिश्रा का आपराधिक इतिहास

कोलकाता पुलिस के अनुसार 30 वर्षीय मोनोजीत मिश्रा को ‘मैंगो’ के नाम से भी जाना जाता है। वह एक आदतन अपराधी है। वह लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र है और उसका नाम कई आपराधिक मामलों में सामने आ चुका है। 

उसकी आपराधिक गतिविधियाँ 2013 में शुरू हुईं। उस समय वह एक लॉ कॉलेज में पढ़ रहा था। एक साल बाद उसने कथित तौर पर एक साथी छात्र के सीने में चाकू मार दिया। इस हमले के बाद पुलिस में एफ़आईआर दर्ज हुई, लेकिन मिश्रा तीन साल तक गायब रहा और उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में वह फिर से कॉलेज कैंपस में दिखा और उस पर तोड़फोड़ का आरोप लगा। पुलिस ने जाँच की, लेकिन वह बेरोक-टोक घूमता रहा। 

कोलकाता पुलिस ने मोनोजीत को हिस्ट्रीशीटर घोषित किया है, जिसका मतलब है कि वह लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है। उसके ख़िलाफ़ पहले से कई मामले दर्ज हैं।

रैगिंग, यौन उत्पीड़न के कई आरोप

रिपोर्ट है कि अगले कुछ सालों में उस पर छात्रों को गलत तरीके से बंदी बनाने, उगाही करने, छेड़छाड़ करने और 'महिलाओं की इज्जत पर हमला' करने जैसे आरोप लगे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में एक प्रथम वर्ष की छात्रा ने रैगिंग, यौन उत्पीड़न और धमकियों की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उसके एक बैचमेट ने बताया कि वह बार-बार अपराध करता था। 

रिपोर्ट के अनुसार 2018 में कालीघाट पुलिस स्टेशन में उसके ख़िलाफ़ एक आपराधिक मामला दर्ज हुआ और उसने सभी से संपर्क तोड़ लिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उसके एक बैचमेट ने बताया, '2013 से 2015 तक वह दिखाई नहीं दिया, फिर 2017 में वापस आया और कॉलेज में दोबारा शामिल हुआ। वह स्टूडेंट यूनियन में भी शामिल होना चाहता था, लेकिन हमने विरोध किया क्योंकि उसके खिलाफ आपराधिक मामले थे। उस पर उगाही, छेड़छाड़ और अवैध रूप से बंदी बनाकर रखने के आरोप थे।'
पश्चिम बंगाल से और ख़बरें

विधायक की सिफ़ारिश से नौकरी मिली?

रिपोर्ट है कि कॉलेज से पास होने के चार साल बाद भी मिश्रा का कॉलेज में दबदबा रहा। तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक की सिफारिश पर उसे अस्थायी कर्मचारी की नौकरी मिली। वह पार्टी की छात्र शाखा के लिए भर्ती करने वाले के रूप में भी पेश आया। रिपोर्ट है कि मई में उसने कथित तौर पर एक छात्रा को बहलाया, उसे नशीला पदार्थ दिया, उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, हमले का वीडियो बनाया, उसके सिर पर हॉकी स्टिक से हमला किया और उसे चुप रहने के लिए धमकाया। इस खुलासे से उसके राजनीतिक संरक्षण के आरोप और मज़बूत हुए।

आरोपी पर कैसे-कैसे आरोप

पुलिस की जाँच से पता चला है कि मोनोजीत का अपराधों का तरीका सुनियोजित और क्रूर रहा है। 

यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल: मोनोजीत और उसका गिरोह कॉलेज की छात्राओं को निशाना बनाता था। वह लड़कियों की तस्वीरों और वीडियो को गुप्त रूप से रिकॉर्ड करता था, फिर उन्हें एडिट करके अपने दोस्तों के बीच वायरल करता था। इन सामग्रियों का उपयोग वह ब्लैकमेल करने के लिए करता था, जिससे कई छात्राएँ मानसिक और सामाजिक दबाव का शिकार हुईं।

हिंसक व्यवहार : पुलिस के रिकॉर्ड में मोनोजीत के ख़िलाफ़ हिंसक अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। वह कॉलेज में अपने प्रभाव का दुरुपयोग करता था और छात्राओं पर अश्लील टिप्पणियाँ करता था। टीओआई के अनुसार कॉलेज के छात्रों ने बताया कि वह हर लड़की से पूछता था, 'क्या मुझसे शादी करोगी?' और लड़कियों द्वारा खारिज किए जाने पर उन्हें धमकाता था।

सामूहिक अपराध: इस मामले में सामने आया कि मोनोजीत अकेले नहीं, बल्कि अपने गिरोह के साथ मिलकर अपराध करता था। पुलिस को शक है कि 25 जून की घटना भी पूर्व नियोजित थी, जिसका उद्देश्य पीड़िता को ब्लैकमेल करना था। दो आरोपियों ने इस अपराध का वीडियो भी बनाया था, जिसे बाद में ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी।
सर्वाधिक पढ़ी गयी ख़बरें

पुलिस जाँच और गिरफ्तारियाँ

इस मामले की जाँच के लिए कोलकाता पुलिस ने पाँच सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है। एसआईटी ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी और एक सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं। 27 जून को तीनों मुख्य आरोपियों को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अपराध की पुष्टि की है। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ क्रूरता की हदें पार करने की बात सामने आई है।

एसआईटी की जाँच में यह भी खुलासा हुआ कि यह अपराध सुनियोजित था। पुलिस ने 25 लोगों से पूछताछ करने की योजना बनाई है, ताकि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके। इसके अलावा, दो आरोपियों के मोबाइल फोन से प्राप्त वीडियो फुटेज ने जांच को और मजबूत किया है। कोलकाता पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।