रिपोर्ट है कि कॉलेज से पास होने के चार साल बाद भी मिश्रा का कॉलेज में दबदबा रहा। तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक की सिफारिश पर उसे अस्थायी कर्मचारी की नौकरी मिली। वह पार्टी की छात्र शाखा के लिए भर्ती करने वाले के रूप में भी पेश आया। रिपोर्ट है कि मई में उसने कथित तौर पर एक छात्रा को बहलाया, उसे नशीला पदार्थ दिया, उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, हमले का वीडियो बनाया, उसके सिर पर हॉकी स्टिक से हमला किया और उसे चुप रहने के लिए धमकाया। इस खुलासे से उसके राजनीतिक संरक्षण के आरोप और मज़बूत हुए।
आरोपी पर कैसे-कैसे आरोप
पुलिस की जाँच से पता चला है कि मोनोजीत का अपराधों का तरीका सुनियोजित और क्रूर रहा है।
यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल: मोनोजीत और उसका गिरोह कॉलेज की छात्राओं को निशाना बनाता था। वह लड़कियों की तस्वीरों और वीडियो को गुप्त रूप से रिकॉर्ड करता था, फिर उन्हें एडिट करके अपने दोस्तों के बीच वायरल करता था। इन सामग्रियों का उपयोग वह ब्लैकमेल करने के लिए करता था, जिससे कई छात्राएँ मानसिक और सामाजिक दबाव का शिकार हुईं।
हिंसक व्यवहार : पुलिस के रिकॉर्ड में मोनोजीत के ख़िलाफ़ हिंसक अपराधों के कई मामले दर्ज हैं। वह कॉलेज में अपने प्रभाव का दुरुपयोग करता था और छात्राओं पर अश्लील टिप्पणियाँ करता था। टीओआई के अनुसार कॉलेज के छात्रों ने बताया कि वह हर लड़की से पूछता था, 'क्या मुझसे शादी करोगी?' और लड़कियों द्वारा खारिज किए जाने पर उन्हें धमकाता था।
सामूहिक अपराध: इस मामले में सामने आया कि मोनोजीत अकेले नहीं, बल्कि अपने गिरोह के साथ मिलकर अपराध करता था। पुलिस को शक है कि 25 जून की घटना भी पूर्व नियोजित थी, जिसका उद्देश्य पीड़िता को ब्लैकमेल करना था। दो आरोपियों ने इस अपराध का वीडियो भी बनाया था, जिसे बाद में ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल करने की योजना थी।