loader

मोदी को ममता का जवाब, अगले साल जून तक मुफ़्त राशन देंगी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकलुभावन नारों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने घोषणा कर दी है कि पश्चिम बंगाल सरकार ग़रीबों को मुफ़्त राशन अगले साल जून तक देगी। यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि नरेंद्र मोदी ने थोड़ी देर पहले ही एलान किया था कि ग़रीबों को मुफ़्त राशन छठ पूजा तक मिलता रहेगा।

यह जानना दिलचस्प है कि बिहार में इस साल नवंबर तक विधानसभा चुनाव हो जाना है क्योंकि उसका कार्यकाल ख़त्म हो रहा है। बिहार का सबसे बड़ा धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव छठ है। 
पश्चिम बंगाल से और खबरें
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में अगले साल जुलाई में विधानसभा का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है और उसके पहले वहाँ चुनाव हो जाना है। 
तो क्या प्रधानमंत्री ने छठ तक मुफ़्त राशन देने का एलान इसलिए किया कि बिहार में राज्य विधानसभा चुनाव है? इसी तरह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने मुफ़्त राशन जुलाई तक देने का एलान इसलिए कि वहाँ उसी समय चुनाव है?
इतना ही नहीं, ममता बनर्जी ने इसके आगे कहा,

'हमारा राशन केंद्र सरकार के राशन से बेहतर है। पश्चिम बंगाल के सिर्फ 60 प्रतिशत लोगों को केंद्र का राशन मिलता है।'


ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश के 80 करोड़ लोगों को मार्च में लॉकडाउन लागू होने के समय से ही मुफ़्त राशन दिया जा रहा है। उन्होंने इसे नवंबर तक बढ़ाने का एलान भी किया है। 
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गांवों में श्रमिकों को रोज़गार देने के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण रोज़गार अभियान तेज़ गति से आरंभ कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में त्योहारों को देखते हुए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नवंबर तक के लिए कर दिया गया है। 
इसके तहत ग़रीब परिवारों को 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल भी मुफ़्त दी जाती है। मोदी सरकार का दावा है कि इस योजना से 80 करोड़ ग़रीबों को लाभ मिला है। 
इसके पहले जब गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुखयमंत्री पर आरोप लगाया था कि वह राज्य के प्रवासी मज़दूरों का भला नहीं चाहतीं, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि हर प्रवासी मज़दूर को 10 हज़ार रुपए दिए जाएं। 

ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा था कि महामारी की वजह से लोगों को अकल्पनीय कष्ट सहना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सभी प्रवासी मज़दूर को एकमुश्त 10 हज़ार रुपए दे। यह रकम एक बार मिलने वाली मदद के रूप में हो। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें