कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता पाठ के दौरान नॉन-वेज वेंडरों पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दहाड़ा। उन्होंने साफ़ कहा कि यह बंगाल में नहीं चलेगा। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की 'ध्रुवीकरण की राजनीति' पर तंज कसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल यूपी नहीं है।

ममता बनर्जी ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में 7 दिसंबर को हुए ‘पाँच लाख कंठ से गीता पाठ’ कार्यक्रम में दो वेंडरों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और साफ़ कहा कि राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति नहीं चलेगी। नदिया जिले के कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'यह पश्चिम बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। चिकन पैटी बेचने वालों को पीटा गया... हमने रातोंरात सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बीजेपी वाले यूपी का मॉडल यहाँ लाना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।'
ताज़ा ख़बरें
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, 'मैं सांप्रदायिक विभाजन में विश्वास नहीं करती। मैं सभी धर्मों के साथ चलना चाहती हूँ। भगवान की पूजा हो या अल्लाह से दुआ माँगी जाए, दिल से की जाती है। गीता पढ़ने के लिए जनसभा करने की क्या ज़रूरत है? जो लोग दिन-रात गीता-गीता चिल्लाते हैं, उनसे पूछिए– श्रीकृष्ण ने धर्म के बारे में क्या कहा था? धर्म का मतलब जोड़ना है, तोड़ना नहीं। ये लोग बंगाल को बर्बाद करना चाहते हैं। बंगाली बोलने तक पर रोक लगाना चाहते हैं।'

वेंडरों के साथ क्यों हुई थी मारपीट?

घटना 7 दिसंबर की है। ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित ‘पाँच लाख कंठ से गीता पाठ’ कार्यक्रम में टॉप्सिया और आरामबाग के दो विक्रेताओं ने चिकन पैटी बेचने की कोशिश की थी। आरोप है कि कुछ लोगों ने उनका सामान फेंक दिया, उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक करवाई और मारपीट की। वीडियो वायरल होने के बाद कोलकाता पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और बुधवार देर रात तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियाँ हुईं।
पश्चिम बंगाल से और ख़बरें

'SIR में नाम कटे तो रसोई के औजार तैयार रखो..'

कृष्णानगर की उसी जनसभा में ममता बनर्जी ने विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर अभियान को लेकर केंद्र और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने राज्य की महिलाओं से कहा कि अगर उनका नाम मतदाता सूची से काटा गया तो चुप न बैठें।

ममता ने गरजते हुए कहा,
माँ-बहनों का हक छीनोगे एसआईआर के नाम पर? दिल्ली से पुलिस लाकर माँ-बहनों को डराओगे? माँ-बहनों, तुम्हारे पास औजार हैं न? रसोई में जो औजार इस्तेमाल करती हो, वही। ताकत है न तुममें? नाम काटोगे तो चुप नहीं बैठोगी न? आगे-आगे महिलाएँ लड़ेंगी, पीछे-पीछे पुरुष रहेंगे।
ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

'अमित शाह खतरनाक इंसान, आँखों में दुर्योधन-दुशासन दिखते हैं'

ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सबसे तीखा व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा, 'देश के गृह मंत्री बहुत खतरनाक इंसान हैं। उनकी आँखों में देखो तो डर लगता है– एक आँख में दुर्योधन, दूसरी में दुशासन नज़र आते हैं।'

उन्होंने चेतावनी दी, 'अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम काटा गया तो मैं धरने पर बैठ जाऊँगी। पश्चिम बंगाल में डिटेंशन कैंप नहीं बनने दूँगी। ये लोग इतने भूखे हैं वोट के कि चुनाव से सिर्फ दो महीने पहले एसआईआर करवा रहे हैं।' ममता ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, 'मैंने अभी तक अपना फॉर्म भी नहीं भरा है। क्या अब मुझे दंगाई पार्टी के सामने अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी?'
सर्वाधिक पढ़ी गयी ख़बरें
उन्होंने आरोप लगाया कि बंगालियों को जान-बूझकर बांग्लादेशी बताकर डिटेंशन कैंप में भेजने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास एक ऐसा गृह मंत्री है जो कुछ भी कर सकता है– सब बंगालियों को बांग्लादेशी बताकर डिटेंशन कैंप भेज दे। लेकिन हम किसी को भी बंगाल से भगाने नहीं देंगे। जिसे भगाओगे, उसे वापस भी लाना हम अच्छी तरह जानते हैं।'

मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि चुनाव आयोग बीजेपी समर्थक अधिकारियों को बंगाल भेज रहा है ताकि जिला मजिस्ट्रेटों पर दबाव बनाया जा सके।

2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने जिस आक्रामक अंदाज में भाजपा और केंद्र को घेरा है, उससे साफ है कि बंगाल में आने वाला राजनीतिक युद्ध बेहद तीखा होने वाला है।