मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में है। लगभग 22 हज़ार रोगियों व कर्मचारियों की यह संस्था सोमवार को उस समय खबरों में जब आई जब गृह मंत्रालय ने 'कुछ प्रतिकूल निवेश के पता चलने के बाद' फॉरन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (एफसीआरए) का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने से इनकार कर दिया।
मदर टेरेसा की संस्था को विदेशों से कितने पैसे मिले, सरकार की मंशा क्या है?
- पश्चिम बंगाल
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- 29 Dec, 2021


मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी को विदेशी चंदे के रूप में कितने पैसे मिले हैं? वह उनका क्या करती है? लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है?
कोलकाता में मुख्यालय वाली इस संस्था ने सोमवार शाम को कहा कि उनके एफसीआरए आवेदन को अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद सभी केंद्रों को उनसे जुड़े बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया।
इसके साथ ही सवाल यह उठता है कि वेटिकन से स्वीकृत और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की इस संस्था को आख़िर कितना और किस मद में पैसा मिलता है।




























