loader

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की माँग की मोदी के मंत्री ने 

पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जाँच ब्यूरो के साथ चल रहे विवाद के बीच नरेंद्र मोदी सरकार के राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य सरकार को बर्ख़ास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की है। उन्होंने रविवार शाम ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए सीबीआई को अपना काम नहीं करने दे रही है। यह संवैधानिक संकट खड़े होने की स्थिति जैसी है, ऐसे में यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। 
यह गंभीर बात इसलिए है कि सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी के सांसद तो हैं ही, केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। वे नरेंद्र मोदी सरकार में भारी उद्योग और उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री है। वेस्टमिनस्टर मॉडल वाली सरकारों में 'सामूहिक ज़िम्मेदारी' की बात होती है, यानी सरकार का कोई भी फ़ैसला सामूहिक होता है और उसके लिए सभी मंत्री बराबर के ज़िम्मेदार होते हैं। केंद्र सरकार की सिफ़ारिश पर ही राष्ट्रपति किसी राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय लेते हैं। ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री की यह माँग बेहद महत्वपूर्ण है। 
इस मुद्दे पर बीजेपी की भी यही राय है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने पहले पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की और उसके बाद फिर ट्वीट कर कहा कि राज्य बहुत तेज़ी से राष्ट्र्पति शासन की ओर बढ़ रहा है।  
पश्चिम बंगाल में संकट की शुरुआत रविवार को तब हुई जब सीबीआई की एक टीम कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास जा पहुँची। सीबीआई का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने शारदा चिटफंड घोटाले की जाँच में जानबूझ कर देरी और संदिग्धों को बचाया। उसने यह भी कहा कि वे सीबीआई से सहयोग नहीं कर रहे हैं और बुलाने पर भी उसके यहां नहीं आ रहे हैं। सीबीआई ने यह भी कहा कि राजीव कुमार फ़रार हो गए हैं। कोलकाता पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कहा कि कमिश्नर अपने दफ़्तर में दिन भर मौजूद रहे और सामान्य कामकाज करते रहे। रविवार शाम कोलकाता पुलिस की टीम कमिश्नर के घर गई, उसने सीबीआई टीम के कुछ लोगों को हिरासत में लिया और पास के शेक्सपियर स्ट्रीट स्थित थाने ले गई। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। 
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र पर हमला और राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया और ख़ुद धरने पर बैठ गईं। धरना स्थल के पास ही उनका अस्थाई दफ़्तर भी खोल दिया गया। इसके बाद सैकड़ों की तादाद में तृणमूल कार्यकर्ता वहाँ पहुँच गए।  
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें