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मुश्किल में ममता, दो दिन में तीन विधायकों ने छोड़ी टीएमसी

बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं की हुंकार से गूंज रहे पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव से पहले पार्टी छोड़ रहे नेताओं के कारण परेशान दिख रही हैं। गुरूवार को शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी के पार्टी छोड़ने के बाद शुक्रवार को एक और विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी से अपनी राह अलग कर ली। 

चुनाव के मुहाने पर खड़े पश्चिम बंगाल में पिछले दस साल से सत्ता में बैठीं ममता बनर्जी के लिए ये हालात मुश्किलों को बढ़ाने वाले हैं। कहा जा रहा है कि अभी कुछ और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। इसमें टीएमसी के सांसद सुनील मंडल का भी नाम सामने आ रहा है। मुकुल रॉय से शुरू हुआ यह सिलसिला कहां जाकर थमेगा, कोई नहीं कह सकता। 

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अमित शाह का दौरा 

दूसरी ओर गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को दो दिन के बंगाल दौरे पर पहुंच रहे हैं। यह लगभग तय है कि इस दौरान शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। अमित शाह पूर्वी मेदिनीपुर सहित तीन जिलों में रैलियां करेंगे और टीएमसी के एक नेता के वहां दिन का भोजन करेंगे। इन जिलों में पड़ने वाली लोकसभा सीटों से शुभेंदु के पिता और भाई सांसद हैं।  

Trinamool MLA Shilbhadra Dutta quits TMC - Satya Hindi

शुभेंदु के बीजेपी में जाने की चर्चा इसलिए तेज़ हुई है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी है। ज़ाहिर तौर पर यह अमित शाह की मर्जी के बिना नहीं हो सकता। इसके लिए राज्य के कुछ बीजेपी नेताओं ने ही शाह से कहा था कि शुभेंदु अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसके बाद शाह ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी। 

बंगाल के सियासी हाल पर देखिए चर्चा- 

पूर्वी मेदिनीपुर सहित बंगाल के कई इलाक़ों में शुभेंदु अधिकारी का अच्छा जनाधार माना जाता है। शुभेंदु को मनाने की कई कोशिशें ममता बनर्जी की ओर से की गईं लेकिन वह नहीं माने। 

कभी ममता के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी मेदिनीपुर जिले की उस नंदीग्राम सीट से विधायक रहे हैं जिसने वर्ष 2007 में जमीन अधिग्रहण के ख़िलाफ़ हिंसक आंदोलन के जरिए सुर्खियां बटोरी थीं और टीएमसी के सत्ता में पहुंचने का रास्ता साफ किया था।

ममता जानती हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी और इस बार वह जबरदस्त ध्रुवीकरण करने की कोशिश में है। इसलिए दीदी भी बंगाल के हर शख़्स तक अपनी पहुंच बढ़ाने में जुटी हुई हैं।
हाल ही में पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए पथराव के बाद राज्य की सियासत में पहले से जारी घमासान की आग में घी पड़ गया है। बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर राज्य में जबरदस्त आंदोलन छेड़ा हुआ है।
Trinamool MLA Shilbhadra Dutta quits TMC - Satya Hindi

राज्यपाल का वार

बीजेपी-टीएमसी की इस लड़ाई के बीच कुछ दिन पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी संवैधानिक बाध्यता के अधीन हैं और उन्हें संविधान के रास्ते पर चलना ही होगा। 

धनखड़ ने कहा था कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति बेहद ख़राब हो चुकी है और वे कई बार मुख्यमंत्री, प्रशासन और पुलिस के सामने इसे लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं। नड्डा के काफ़िले पर हमले को लेकर उन्होंने कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को शर्मसार किया है। 

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जोरदार होगा मुक़ाबला 

बंगाल बीजेपी के निशाने पर है और पार्टी वहां किसी भी तरह अपना परचम लहराना चाहती है। बंगाल में सरकार बनाने के लिए आरएसएस भी लगातार सक्रिय है। हाल ही में बीजेपी ने कई नेताओं को वहां प्रभारी बनाकर भेजा है। राज्य में बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी झड़पें होना आम बात है, जिसमें दोनों ओर के कार्यकर्ताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। विधानसभा से लेकर पंचायत और लोकसभा चुनाव तक दोनों दलों के कार्यकर्ता बुरी तरह भिड़ते रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, यह तय है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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