पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2002 के बाद जन्मे लोगों से उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगने को साज़िश करार दिया है। उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि नई वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया के पीछे एक गहरी साजिश है, जिसका मकसद बंगाल के वैध वोटरों, खासकर गरीबों, प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यकों को मतदाता सूची से हटाना है। ममता ने विशेष रूप से 2002 के बाद जन्मे लोगों से उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगने की नई शर्त पर सवाल उठाए हैं, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के लिए खतरा और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी को पीछे के रास्ते से लागू करने की कोशिश करार दिया।
2002 में जन्मे लोगों से माता-पिता के 46 साल पुराने जन्म प्रमाण पत्र मांगे, कितने के पास होंगे: ममता
- पश्चिम बंगाल
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- 7 Aug, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि नई वोटर लिस्ट के जरिए बंगाल के मतदाताओं को साज़िश के तहत निशाना बनाया जा रहा है।

ममता बनर्जी वोटर लिस्ट विशेष निरीक्षण
झारग्राम में एक भाषा आंदोलन रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'एक साजिश चल रही है, जिसके तहत पूरी तरह से नई वोटर लिस्ट बनाई जा रही है। 2002 में जन्मे लोगों को अब अपने माता-पिता के 46 साल पुराने जन्म प्रमाण पत्र पेश करने होंगे। कितने लोगों के पास ऐसे दस्तावेज हैं? क्या ये नियम बनाने वाले लोगों के पास खुद ऐसे प्रमाण पत्र हैं?" ममता ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए चुनौती दी थी, 'मैं अमित शाह से पूछती हूं, क्या आपके पास आपके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र हैं? पहले इसे दिखाइए, फिर दूसरों के वोटर लिस्ट से नाम हटाने की बात कीजिए।'