पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2002 के बाद जन्मे लोगों से उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगने को साज़िश करार दिया है। उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि नई वोटर लिस्ट तैयार करने की प्रक्रिया के पीछे एक गहरी साजिश है, जिसका मकसद बंगाल के वैध वोटरों, खासकर गरीबों, प्रवासी मजदूरों और अल्पसंख्यकों को मतदाता सूची से हटाना है। ममता ने विशेष रूप से 2002 के बाद जन्मे लोगों से उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगने की नई शर्त पर सवाल उठाए हैं, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के लिए खतरा और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी को पीछे के रास्ते से लागू करने की कोशिश करार दिया।