प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छे वक्ता ही नहीं बल्कि अच्छे ड्रेस सेंस के लिए जाने जाते हैं। वे अवसर के अनुकूल अपने कपड़ों को डिजाइन करवाते हैं। आजकल वे एक नए लुक में नज़र आ रहे हैं। बढ़ी हुई दाढ़ी में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की तरह! ज़्यादातर लोगों का मानना है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के मद्देनज़र मोदी ने यह रूप धारण किया है। ऐसे में सवाल उठता है, क्या बंगाल में मोदी को मोदी बनकर जाने में डर लग रहा है। क्या यह ममता बनर्जी की मनोवैज्ञानिक जीत है कि मोदी अपने ब्रांड के बूते बंगाल के चुनावी समर में जाने से हिचक रहे हैं?
बंगाल : मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने से डर रही है बीजेपी?
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 12 Jan, 2021

बंगाली समाज अपनी संस्कृति और नवजागरण कालीन नायकों के प्रति बहुत भावुक है। इसलिए बंगाल चुनाव में बंगाली अस्मिता बड़ा मुद्दा होगा। ममता बनर्जी लगातार बंगाली और बाहरी की बात कर रही हैं। मोदी को दीदी की चुनौती का एहसास है। इसलिए नरेंद्र मोदी इन दिनों टैगोर के बाने में दिख रहे हैं।
टैगोर के बाने में क्यों?
दरअसल, बंगाली समाज अपनी संस्कृति और नवजागरण कालीन नायकों के प्रति बहुत भावुक है। इसलिए बंगाल चुनाव में बंगाली अस्मिता बड़ा मुद्दा होगा। ममता बनर्जी लगातार बंगाली और बाहरी की बात कर रही हैं। मोदी को दीदी की चुनौती का एहसास है। इसलिए नरेंद्र मोदी इन दिनों टैगोर के बाने में दिख रहे हैं।
हालांकि मोदी के व्यक्तित्व का एक पहलू यह भी है कि वह अक्सर अलग-अलग समुदाय और लोगों से खुद को बहुत नजदीकी संबंधों के साथ जोड़कर दिखाते रहे हैं। कई दफा तो वे ऐसा करते हुए बहुत कुछ हास्यास्पद भी कर बैठते हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।