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फाइल फोटो

श्रीलंका: प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प, सांसद ने की आत्महत्या

श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के साथ हुई झड़प में सांसद अमरकीर्ति अथुकोराला की मौत हो गई है। वह सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद थे। 

पुलिस ने कहा कि सांसद ने प्रदर्शनकारियों पर फायर झोंक दिए थे और इसमें दो लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने निट्टंबुवा इलाके में उनकी कार को रोकने की कोशिश की थी। 

पुलिस ने कहा कि सांसद की फायरिंग में घायल एक शख्स की मौत हो गई। इसके बाद सांसद वहां से भागे और नजदीक की एक इमारत में छिपने की कोशिश की। लेकिन हजारों लोगों ने इस इमारत को घेर लिया और इसके बाद सांसद ने अपनी ही रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। 

बता दें कि श्रीलंका में लगातार बिगड़ते हालात के बीच एक बार फिर से आपातकाल लगा दिया गया है। लेकिन बावजूद इसके लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

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अवाम के विरोध प्रदर्शनों से घबराकर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है।

बीते दिनों में हुकूमत के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच में जमकर झड़प हुई है। राजधानी कोलंबो में हुई हिंसा में अब तक 138 लोग घायल हो गए हैं जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

Amarakeerthi Athukorala dies in Sri Lanka clashes - Satya Hindi

प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद श्रीलंका में कैबिनेट भी अस्तित्व में नहीं है। श्रीलंका में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प जारी है लेकिन सोमवार सुबह से इसने बड़ा रूप ले लिया है।

सरकार की ओर से पुलिस से प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के लिए कहा गया है लेकिन अब पुलिस के लिए भी हालात को संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। 

प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बाद अब उनके भाई और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ गया है। प्रदर्शनकारी उनके भी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

ऐसे में लगातार खराब हो रहे हालात के बीच गोटाबाया राजपक्षे कब तक अपने पद पर बने रह पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है। 

बता दें कि बीते कई महीनों से श्रीलंका के तमाम बड़े शहर अंधेरे का सामना कर रहे हैं और इसके साथ ही भोजन, तेल और दवाईयों सहित कई जरूरी चीजों की कमी भी है और यह बेतहाशा महंगी हो गई हैं। 

श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे खराब हालात का सामना कर रहा है।

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छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि वे संसद से बाहर निकलने वाले सारे रास्तों को बंद कर देंगे। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति राजपक्षे को 17 मई से पहले इस्तीफा दे देना चाहिए।
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क़मर वहीद नक़वी
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