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खालिस्तानी अलगाववादी गुरवंत सिंह पन्नू

गुरपतवंत केस में अमेरिका के आरोपों पर भारत ने कहाः चिंता का विषय

न्यूयॉर्क में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून को कथित तौर पर मारने के लिए भारत से साजिश रचने और निर्देशित करने का आरोप लगाने के बाद पहली बार भारत ने गुरुवार को कहा कि यह "चिंता का विषय" है और यह है "भारत सरकार की नीति के विपरीत है।" भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- “जहां तक ​​अमेरिकी अदालत में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दायर किया गया है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है… यह सरकारी नीति के भी विपरीत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, चरमपंथियों के बीच सांठगांठ विचार करने के लिए एक गंभीर मुद्दा है। यही कारण है कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। हम जाहिर तौर पर इसके नतीजों का इंतजार करेंगे।''

कनाडा और अमेरिका में भारत के खिलाफ खालिस्तानी गतिविधियां चलाने वाले अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश में भारत सरकार के कर्मचारी का नाम आया है। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता है। कनाडा में आतंकवादी निज्जर की हत्या के बाद यह दूसरा मामला है, जिसे लेकर भारत पर आरोप लगा है। अमेरिकी जस्टिस विभाग ने एक बयान में अमेरिकी नागरिक और सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश का आरोप लगाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसके बाद कहा कि वो अमेरिका से मिले इनपुट की जांच कर रहा है। इस घटनाक्रम के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी अपने आरोप दोहराए हैं।
एक अमेरिकी अटॉर्नी ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ इस मामले में "कॉन्ट्रैक्ट किलर" का आरोप लगाते हुए हत्या की साजिश का केस दाखिल किया है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर निखिल गुप्ता को अधिकतम 20 साल की सजा हो सकती है।
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हालांकि घटनाक्रम सामने आने के बाद भारत ने संकेत दिया कि वो इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। भारत ने कहा- "हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान, अमेरिका  संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए थे। हमने ऐसे इनपुट को गंभीरता से लिया है। ऐसे लोग हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी आघात करते हैं, और संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं।''
विदेश मंत्रालय ने कहा, "18 नवंबर को भारत सरकार ने इस मामले के सभी पहलुओं को देखने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई है। यह कमेटी निष्कर्षों के आधार पर आगे आवश्यक कार्रवाई करेगी।"
हालांकि, 20 नवंबर को, राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने पन्नू के खिलाफ केस दर्ज किया, जिसमें उस पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी बयान जारी करने का आरोप लगाया गया। पन्नू ने कहा था कि एयर इंडिया से उड़ान भरने वाले लोग खतरे में हैं। उसने यह भी दावा किया था कि 19 नवंबर को एयर इंडिया को ऑपरेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पिछले हफ्ते, व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया था कि "अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी को मारने की कथित साजिश को बेहद गंभीरता से हम ले रहे हैं" और इस मुद्दे को भारत सरकार के साथ "उच्चस्तर पर" उठाया गया है।
करीब दो महीने पहले कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता के आरोप लगाए थे। इसके बाद कनाडा के साथ भारत का राजनयिक विवाद गहरा उठा था। इसके बाद अब अमेरिकी घटनाक्रम सामने आया है। निज्जर कथित तौर पर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और जून में कनाडा में एक मशहूर गुरुद्वारे के पास उसकी हत्या कर दी गई थी। कनाडा के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया था और सबूत मांगे थे। लेकिन कनाडा अभी तक इस संबंध में भारत को सबूत नहीं दे पाया है।
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अमेरिका में पन्नू को मारने की साजिश का मामला सामने आने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि  भारत को अब "कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए।" ट्रूडो ने ओटावा में संवाददाताओं से कहा, "यूएस से आ रही खबरें इस बात को और रेखांकित करती हैं कि हम शुरू से ही किस बारे में बात कर रहे हैं, यानी कि भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।"
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क़मर वहीद नक़वी
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