बांग्लादेश में एक और हिंदू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पिछले दो हफ़्तों में देश में किसी हिंदू व्यक्ति की हत्या की यह तीसरी घटना है। यह घटना तब हुई है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

यह घटना बांग्लादेश के मयमनसिंह ज़िले में हुई। रिपोर्ट के अनुसार एक गारमेंट फैक्ट्री के अंदर सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर तैनात एक हिंदू गारमेंट वर्कर को उसके एक साथी ने गोली मारकर हत्या कर दी। मरने वाले व्यक्ति का नाम बजरेंद्र बिस्वास था। वह बांग्लादेश अंसार फोर्स का सदस्य थे, जो फैक्ट्री की सुरक्षा में तैनात थे। यह घटना सोमवार को शाम करीब 6.45 बजे भालुका उपज़िला इलाके में स्थित लबीब ग्रुप की फैक्ट्री सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड में हुई।
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पुलिस के अनुसार आरोपी नोमान मिया उसी यूनिट में अंसार सदस्य के तौर पर भी काम कर रहा था। फैक्ट्री में करीब 20 अंसार सदस्य सुरक्षा ड्यूटी पर थे। बांग्लादेश में अंसार गृह मंत्रालय के तहत एक वर्दी वाली सहायक फ़ोर्स है। अंसार सदस्यों को अंदरूनी सुरक्षा ऑपरेशन्स के लिए तैनात किया जाता है। इसमें सरकारी दफ्तरों, फैक्ट्रियों, इंडस्ट्रियल यूनिट्स और ज़रूरी जगहों की सुरक्षा शामिल है। जब उन्हें हथियारबंद सुरक्षा ड्यूटी पर लगाया जाता है तो उन्हें सरकारी हथियार दिए जाते हैं।

आरोपी गिरफ्तार, लेकिन सवाल बाकी

पुलिस ने आरोपी नोमान मिया को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। नोमान भी अंसार सदस्य था। गवाहों के अनुसार, बजरेंद्र और आरोपी नोमान मिया एक साथ बैठे थे, जब नोमान की शॉटगन से गोली चली। कुछ रिपोर्टों के अनुसार बातचीत के दौरान नोमान मिया ने कथित तौर पर मज़ाक में या हल्के-फुल्के अंदाज़ में बिस्वास पर सरकारी शॉटगन तान दी। और बंदूक चल गई और गोली बिस्वास की बाईं जांघ में लगी। लेकिन पुलिस जांच कर रही है कि यह पूरी तरह दुर्घटना थी या कोई और मक़सद था।

मयमनसिंह में ही हुई थी लिंचिंग

यह हत्या दो हफ्तों में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के तीसरे सदस्य की मौत है। कुछ दिन पहले ही मयमनसिंह के ही भालुका में दीपु चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को पेड़ पर लटकाकर आग लगा दी थी। आरोप था ईशनिंदा का, लेकिन जांच में कोई सबूत नहीं मिला। परिवार का कहना था कि यह फैक्ट्री में पुरानी दुश्मनी का मामला था। 12 लोग गिरफ्तार हुए।
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इसके अलावा 24 दिसंबर को राजबारी जिले के पंगशा में अमृत मंडल को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। आरोप था कि वह जबरन वसूली करने गया था। पुलिस ने कहा कि यह साम्प्रदायिक नहीं, बल्कि अपराधी गतिविधि का मामला था। अमृत पर पहले से कई केस थे।

ये घटनाएं अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बीच हो रही हैं। हाल में भारत विरोधी कट्टर रुख रखने वाले युवा नेता ओसमान हादी की मौत के बाद हिंसा बढ़ी है। कई घर जलाए गए, मंदिरों पर हमले हुए।
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भारत ने जताई चिंता

भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को गंभीर चिंता की बात बताया है। भारत सरकार ने कहा कि ऐसी घटनाएँ लगातार हो रही हैं और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की निंदा की है। कई लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कमी है।

अल्पसंख्यक संगठन और मानवाधिकार कार्यकर्ता जांच की मांग कर रहे हैं कि ये घटनाएं सिर्फ दुर्घटना या व्यक्तिगत हैं या साम्प्रदायिक नफरत का हिस्सा। बांग्लादेश में हिंदू आबादी करीब 8 प्रतिशत है और वे अक्सर ऐसे हमलों का शिकार होते हैं।