बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यूनुस सरकार को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा शासन में अल्पसंख्यकों को ज़िंदा जलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को जो यातनाएँ दी जा रही हैं उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भारत में निर्वासन में रह रहीं हसीना ने यूनुस सरकार पर गैरकानूनी तरीक़े से सत्ता हथियाने का आरोप भी लगाया।

हसीना का यह बयान तब आया है जब बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ जबर्दस्त हिंसा बढ़ी है और कट्टरपंथी ताक़तों ने हाल में कई हमले किए हैं। कुछ दिन पहले ही दीपु चंद्र दास की भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ पर लटकाकर जला दिया। एक दिन पहले ही एक हिंदू शख्स को पीट-पीटकर मार डाला गया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि पैसे की उगाही के दौरान भीड़ ने उसको लिंच कर दिया।
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बहरहाल, शेख हसीना ने क्रिसमस पर सभी नागरिकों को शुभकामनाएं दीं और याद दिलाया कि पहले बांग्लादेश साम्प्रदायिक सद्भाव की एक चमकती मिसाल था। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपिता ने एक गैर-साम्प्रदायिक बांग्लादेश का सपना देखा था। अवामी लीग ने उस सपने को साकार करने के लिए सभी धर्मों के लोगों को शांतिपूर्ण जीवन सुनिश्चित किया।'

'धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप'

मौजूदा स्थिति पर दुख जताते हुए हसीना ने कहा, 'दुर्भाग्य से, अवैध रूप से सत्ता हथियाने वाला मौजूदा सत्ताधारी गुट सभी धर्मों और समुदायों के लोगों की धर्म की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहा है।' उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा की निंदा की और कहा कि गैर-मुस्लिमों को अकल्पनीय यातनाओं का शिकार बनाया जा रहा है। हसीना ने आगे कहा, 'इसने धार्मिक अल्पसंख्यकों को जिंदा जलाने जैसी भयानक मिसाल पेश की हैं।'
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अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ हिंसा बढ़ी

हसीना का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। हाल ही में मयमनसिंह में एक हिंदू दीपु चंद्र दास की भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ पर लटकाकर जला दिया। पुलिस जाँच में अभी तक ईशनिंदा के आरोप की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। 

बांग्लादेश के मयमनसिंह में एक हिन्दू युवक को जिन्दा जलाती भीड़

इसके अलावा गुरुवार को एक और हिंदू व्यक्ति की मौत की ख़बर आई। राजबारी जिले के पांगशा इलाके में 29 साल के अमृत मंडल उर्फ सम्राट को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। स्थानीय मीडिया के अनुसार, सम्राट पर जबरन वसूली का आरोप था और वह एक अपराधी गिरोह 'सम्राट बहिनी' का सरगना बताया जाता है। सम्राट हसीना के सत्ता से हटने के बाद देश छोड़कर भाग गया था और हाल ही में अपने गांव होसेंदंगा लौटा था। पुलिस का कहना है कि यह घटना साम्प्रदायिक नहीं बल्कि अपराध से जुड़ी है, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय में डर बढ़ गया है।

हसीना के निर्वासन के बाद बढ़ी हिंसा?

शेख हसीना की सरकार अगस्त 2024 में छात्र आंदोलन के बाद गिर गई थी। उसके बाद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी। हसीना के समर्थक और कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें कहती हैं कि उनके जाने के बाद अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने अगस्त 2024 से अब तक सैकड़ों हमलों की बात कही है।
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हसीना ने अपने संदेश में उम्मीद जताई कि बांग्लादेश के लोग इस कठिन समय को ज्यादा दिन नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा, 'क्रिसमस का उत्सव ईसाइयों और अन्य धर्मों के बीच सद्भाव को मजबूत करेगा। अंधेरा दूर होगा और उजाला आएगा।'

हसीना फिलहाल में भारत में हैं और अवामी लीग के समर्थकों से संदेश के जरिए जुड़ रही हैं। उनके इस बयान से बांग्लादेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो सकता है। अंतरिम सरकार ने पहले कहा है कि अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही हैं और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।