ऋषि सुनक, ब्रिटिश पीएम।
मौजूदा स्थितिः इंग्लैंड में मैट्रिक के छात्रों को 16 और 18 वर्ष की उम्र के बीच पढ़ाई करने के लिए शैक्षणिक विषयों का चुनाव करने की अनुमति है। यह वहां पारंपरिक ए लेवल कहलाता है। अभी तक, इंग्लैंड में, 16 वर्ष की आयु तक छात्रों के लिए स्कूल-आधारित शिक्षा अनिवार्य है, जिसके बाद छात्रों के पास ए-स्तर या वैकल्पिक योग्यता, या व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे विकल्प होते हैं, जिन्हें वे आगे की शिक्षा के लिए चुन सकते हैं।
2019 में मैथ्स पर आधारित एक सर्वे हुआ, जिसे किंग्स कॉलेज लंदन ने आयोजित किया था। दो हजार लोगों पर किए गए सर्वे में यह निकल कर आया कि पांच से सिर्फ एक व्यक्ति को सी ग्रेड मिला था। सर्वे में शामिल सभी लोगों को मैथ्स से जुड़े पांच हल्के-फुल्के सवाल दिए गए थे। दो हजार में सिर्फ 6 फीसदी लोग ही सभी पांच सवालों का जवाब दे सके। 10 फीसदी लोगों को जीरो जवाब आता था। सर्वे में शामिल 43 फीसदी लोगों का जवाब था कि वे मैथ्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते और इसमें सुधार चाहते हैं। 23 फीसदी ने कहा कि उन्हें मालूम ही नहीं है कि मैथ्स पढ़ने से कुछ फायदा भी हो सकता है।