इसराइल और ईरान के बीच युद्धविराम हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार देर रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि इसराइल और ईरान के बीच 12 दिनों से चल रहे सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक "पूर्ण और स्थायी" युद्धविराम पर सहमति बन गई है। यह युद्धविराम मंगलवार सुबह से प्रभावी होने की उम्मीद है, हालांकि दोनों देशों की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

इसराइल ईरान सीजफायर पर ट्रंप का ट्वीट

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा, "यह युद्ध वर्षों तक चल सकता था और पूरे मध्य पूर्व को तबाह कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं इसराइल और ईरान दोनों को उनकी सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता के लिए बधाई देता हूं।" उन्होंने इसे "12-दिवसीय युद्ध" करार दिया और कहा कि युद्धविराम चरणबद्ध तरीके से लागू होगा, जिसमें दोनों पक्ष मौजूदा मिशनों को पूरा करने के बाद शांति बनाए रखेंगे।

कतर अमेरिका की अगुआई में बना बिचौलिया

एक वरिष्ठ व्हाइट हाउस अधिकारी ने बताया कि ट्रंप ने इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन कॉल के जरिए इस समझौते को अंतिम रूप दिया। इसराइल ने शर्त रखी कि ईरान आगे कोई हमला नहीं करेगा। वहीं, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने ईरान के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक राजनयिक सूत्र के अनुसार, कतर ने ईरान को अमेरिकी प्रस्तावित युद्धविराम के लिए राजी किया।
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ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनई का खास ट्वीट

ट्रंप की घोषणा के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनई ने अंग्रेजी और हिन्दी में ट्वीट किए, जिनका मतलब एक ही है। लेकिन फारसी में उनका ट्वीट अलग है। खामनेई ने लिखा है- जो लोग ईरान के इतिहास और क़ौम से वाक़िफ़ हैं, वह जानते हैं कि ईरानी क़ौम कभी शिकस्त तस्लीम नहीं करती।

खामेनई ने ईरान की मूल भाषा फारसी में भी ट्वीट किया है। जिसका अर्थ इसी के आसपास है। लेकिन उसकी लाइनें अलग तरह से हैं। उनके फारसी ट्वीट का अनुवाद इस प्रकार है-  हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। और हम किसी भी परिस्थिति में किसी से कोई उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेंगे। और हम किसी के उत्पीड़न के आगे झुकेंगे नहीं; यह ईरानी राष्ट्र का तर्क है।

ईरान के सुप्रीम लीडर का फारसी में ट्वीट

ईरान के विदेश मंत्री का बयान 

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अघारची ने कहा कि अभी कोई युद्धविराम या डील नहीं हुई है। उन्होंने एक्स पर लिखा है-जैसा कि ईरान ने बार-बार स्पष्ट किया है: इसराइल ने ईरान पर युद्ध शुरू किया, न कि इसके विपरीत। अभी तक, किसी भी युद्ध विराम या सैन्य अभियानों की समाप्ति पर कोई "समझौता" नहीं हुआ है। हालाँकि, बशर्ते कि इसराइली शासन ईरानी लोगों के खिलाफ अपने अवैध आक्रमण को तेहरान समय के अनुसार सुबह 4 बजे से पहले बंद कर दे, हमारा उसके बाद अपनी प्रतिक्रिया जारी रखने का कोई इरादा नहीं है। हमारे सैन्य अभियानों की समाप्ति पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।

ईरान और इसराइल की प्रतिक्रिया 

हालांकि एक ईरानी अधिकारी ने युद्धविराम पर सहमति की पुष्टि की, लेकिन ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन और इसराइली दूतावास ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस बीच, इसराइल ने सोमवार को तेहरान में बड़े पैमाने पर हमले किए, जिसमें राजनीतिक कैदियों को रखने वाली एक जेल भी निशाना बनी। ईरान की ओर से फार्स न्यूज एजेंसी ने एक अज्ञात स्रोत के हवाले से ट्रंप की घोषणा को "पूरी तरह झूठ" बताया और कहा कि ईरान जल्द ही "ऑपरेशनल" जवाब देगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चैनलों के माध्यम से बातचीत की। व्हाइट हाउस ने दावा किया कि अमेरिकी हमलों ने ईरान की परमाणु क्षमता को नष्ट कर दिया, जिससे यह समझौता संभव हो सका।
इसराइल और ईरान के बीच 13 जून को शुरू हुए इस संघर्ष में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हवाई और मिसाइल हमले किए। इसराइल ने ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इसराइल और कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले किए। अमेरिका ने शनिवार को ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिसके बाद ईरान ने कतर में अल उदेद एयर बेस पर मिसाइल दागी, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ।

वैश्विक और आर्थिक प्रभाव 

युद्धविराम की खबर के बाद वैश्विक बाजारों में राहत देखी गई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें सात सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गईं, जबकि एसएंडपी 500 वायदा में 0.4% की बढ़ोतरी हुई। एशियाई शेयर बाजारों, विशेष रूप से जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया में भी तेजी दर्ज की गई।

इसराइल ईरान युद्ध की ताज़ा जानकारी 

एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी सूत्रों का कहना है कि इसराइल को आश्वासन मिला है कि ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को फिर से शुरू नहीं करेगा। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा, इसराइली सेना ने मंगलवार तड़के दक्षिणी गोलान हाइट्स में शत्रु विमान घुसपैठ की आशंका के कारण अलार्म जारी किया था, जिससे क्षेत्र में तनाव बरकरार रहने के संकेत मिले।
विश्लेषकों का मानना है कि युद्धविराम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष इसकी शर्तों का कितना पालन करते हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ ईरान ने अब दूरी बना ली है। ईरान ने आईएईए पर अमेरिका और इसराइल का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। इससे पहले आईएईए ही कह रहा था कि ईरान अभी परमाणु हथियार बनाने से बहुत दूर है। आईएईए ने आज तक कभी इसराइल से उसके परमाणु हथियारों पर सवाल नहीं उठाया।
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इस युद्धविराम को ट्रंप की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए लंबे समय तक चलने वाले समाधान की जरूरत पर भी जोर दिया जा रहा है। क्योंकि इसराइल और ईरान के बीच अभी भी कोई भरोसा नहीं बना है। इसराइल ने सबसे पहले ईरान पर हमला किया था। उसके बाद ईरान को अपनी आत्मरक्षा में इन हमलों का जवाब देना पड़ा। फिर अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया तो ईरान ने भी सोमवार को मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ठिकानों पर हमले किए।