पीएम मोदी के एलोन मस्क। फाइल फोटो।
दरअसल, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे और 2024 के अमेरिकी चुनावों के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने ईवीएम पर टिप्पणी की थी। कैनेडी ने लिखा था, "प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान अनियमितताओं का अनुभव हुआ, एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, सौभाग्य से, एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या फौरन पता चल गई और वोट मिलान को ठीक किया गया। उन क्षेत्रों में क्या होता होगा, जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है?"
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों से निकलने वाली पेपर पर्चियों के माध्यम से ईवीएम पर डाले गए वोटों के क्रॉस-सत्यापन के मुद्दे पर सुनवाई की थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच रैंडम ढंग से चयनित ईवीएम को सत्यापित करने की मौजूदा प्रथा को बरकरार रखते हुए 100 प्रतिशत क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।