Gaza Journalists Dying Hunger: ग़ज़ा में भुखमरी का संकट गहराता जा रहा है। एएफपी और अल जज़ीरा का कहना है कि उनके पत्रकार भूख से मर सकते हैं। इसराइल भूखे लोगों पर बमबारी कर रहा है। दुनिया इस जनसंहार का तमाशा देख रही है।
ग़ज़ा में भूख से मर रहे हैं पत्रकार
ग़ज़ा में इसराइली जनसंहार और उसके नतीजे ने भयावह रूप ले लिया है। एएफपी (AFP) और अल जज़ीरा (Al Jazeera) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने कहा है कि ग़ज़ा में तैनात पत्रकार अब भूख से मरने की कगार पर हैं। "ग़ज़ा मर रहा है, हम उसके साथ मर रहे हैं" – यह बयान इस समय पूरी स्थिति का सबसे भयावह पहलू बन गया है।
ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 10 लोगों की मौत भूख और कुपोषण से हो चुकी है, जिससे भूख से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 111 हो गई है, जिनमें कम से कम 80 बच्चे शामिल हैं।
एएफपी और अल जज़ीरा की रिपोर्टों के अनुसार, ग़ज़ा में मौजूद उनके फील्ड पत्रकार भोजन, पानी और दवाओं के बिना बेहद संकटपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। एक स्थानीय पत्रकार ने कहा- "हम अपनी रिपोर्टिंग जारी रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब शरीर साथ नहीं दे रहा।"
ग़ाज़ा की चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं। डॉक्टरों के अनुसार, जो बच्चे जिंदा हैं, वे त्वचा से हड्डी तक सिमट चुके हैं, और उनकी आंखों में अब आंसू भी नहीं हैं।
शिशु मृत्यु दर में तेजी से वृद्धि हुई है, और अस्पतालों के पास न पोषण है, न ऑक्सीजन और न ही इलाज की कोई बुनियादी व्यवस्था।
यूएन का बयान
संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने इसराइल द्वारा ग़ज़ा की सीमाओं को सील किए जाने और मानवीय सहायता को रोकने पर गंभीर चिंता जताई है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने इसे "एक आधुनिक नरसंहार की ओर बढ़ता कदम" कहा है। लेकिन राहत सामग्री अब भी ग़ाज़ा तक नहीं पहुंच पा रही है।ग़ज़ा की स्थिति पर पूरी दुनिया से मानवाधिकार संगठनों और पत्रकार संगठनों ने आवाज़ उठाई है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा है कि यदि मीडिया के लोग भूख से मरने लगें, तो यह "लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवता – तीनों का अंत" है।
अल जज़ीरा के रिपोर्टर ने कहा- ग़ज़ा की सड़कों पर भूख, लाशें और खामोशी पसरी हुई है।
"हम केवल यह पूछना चाहते हैं — क्या एक बच्चा सिर्फ इसलिए भूखा मरेगा क्योंकि वह ग़ज़ा में पैदा हुआ?" यह सवाल अब अंतरात्मा को झकझोर रहा है।
गाजा में चल रहे संघर्ष और नाकाबंदी ने वहां की आबादी को भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं से वंचित कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भुखमरी के शिकार लोगों में बच्चों और बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता की मांग की जा रही है, लेकिन राहत सामग्री की आपूर्ति में बाधाएं स्थिति को और जटिल बना रही हैं।
AFP और अल जज़ीरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता को बढ़ाया जाए ताकि इस संकट को रोका जा सके। पत्रकारों की सुरक्षा और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना भी इस संकट के समाधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ग़ज़ा पर इसराइल के युद्ध में कम से कम 59,219 लोग मारे गए हैं और 143,045 घायल हुए हैं। 7 अक्टूबर, 2023 के हमलों में इसराइल में अनुमानित 1,139 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा लोगों को हमास ने बंदी बना लिया था।