6 महीने से लगातार चल रहे हिंसक प्रतिरोध के बीच रविवार को संपन्न हुए ज़िला परिषद (डिस्ट्रिक्ट काउंसिल) चुनावों में 452 में से 392 सीटें जीत चीन विरोधियों ने चीन और चीन समर्थकों को कड़ा संदेश दिया है। पैन डेमोक्रेट्स नाम से जाने जाने वाले लोकतंत्र समर्थकों की यह जीत इसलिए और बड़ी हो जाती है क्योंकि 2015 में हुए इन्हीं चुनावों में चीन समर्थकों ने जीत हासिल की थी। तब वे कुल 18 में से 17 ज़िलों में बहुमत में थे। पैन डेमोक्रेट्स के साथ-साथ 45 आज़ाद उम्मीदवार भी जीत कर आए हैं और व्यवस्था समर्थक सिर्फ़ 60 पर सिमट गए हैं।
जिस हांगकांग में लाखों लोग सड़कों पर उतरे थे, वहाँ चीन विरोधी क्यों जीते?
- दुनिया
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- 27 Nov, 2019

6 महीने से लगातार चल रहे हिंसक प्रतिरोध के बीच रविवार को संपन्न हुए ज़िला परिषद (डिस्ट्रिक्ट काउंसिल) चुनावों में 452 में से 392 सीटें जीत चीन विरोधियों ने चीन और चीन समर्थकों को कड़ा संदेश दिया है।
पैन डेमोक्रेट्स की इस जीत ने प्रतिरोध के व्यापक समर्थन न होने के हांगकांग प्रशासन के दावे को भी ख़ारिज किया है। मतदान प्रतिशत भी 2015 के सिर्फ़ 45% से बढ़कर क़रीब 72% हो जाना भी साफ़ करता है कि जनता में सरकार के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा है और आंदोलन को व्यापक समर्थन है। मीडिया की ख़बरें बता रही हैं कि इस बार तो तमाम मतदाता सिर्फ़ मतदान के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों से लौट कर आए थे।