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अमेरिका ने दी इमरान खान को हमारे देश का दौरा करने की सजा: रूस 

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान को रूस का दौरा करने की सजा मिली है। इमरान खान बीते दिनों में कई बार इस बात को कह चुके हैं कि उनकी हुकूमत को गिराने की साजिश में विदेशी ताकतें शामिल हैं। उन्होंने एक अमेरिकी राजनयिक का भी नाम लिया था लेकिन अमेरिका ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था। अब इस मामले में रूस भी कूद पड़ा है।

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि क्योंकि इमरान खान ने रूस का अपना दौरा रद्द नहीं किया इसलिए अमेरिका ने उन्हें सजा देने का फैसला किया।

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इमरान खान ने इस्लामाबाद की रैली में एक पत्र लहराते हुए कहा था कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश की गई। 

इमरान की पार्टी पीटीआई के नेताओं ने भी पाकिस्तान की अवाम से कहा है कि विदेशी मुल्क पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है और इमरान को सत्ता से हटाना चाहता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के दौरान फरवरी महीने में इमरान खान ने रूस का दौरा किया था। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा था कि यह बेहद रोमांचक है। क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं शायद इसीलिए रूस ने इस तरह का बयान दिया है।

अमेरिका का इनकार 

अमेरिका ने एक बार फिर कहा है कि पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट में उसकी कोई भूमिका नहीं है और वह पाकिस्तान में किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता। अमेरिका के रक्षा विभाग ने कहा है कि उनका मुल्क संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की सर्वोच्चता का समर्थन करता है।

imran khan alleges letter in pakistan political crisis - Satya Hindi

पत्र को लेकर सवाल 

दूसरी ओर, इमरान खान विदेशी साजिश का सुबूत होने की बात को लेकर जिस पत्र को लहरा रहे हैं उसे लेकर भी काफी सवाल उठ रहे हैं।

इमरान का दावा 

इमरान ने दावा किया था कि अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड एलयू ने अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद को चेताया था और कहा था कि अगर इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव से बच जाते हैं तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के राजदूत और अमेरिकी अफसरों के बीच हुई इस बैठक की जानकारी उनके पास है और उन्होंने कुछ दिन पहले बुलाई गई नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) की बैठक में इसे रखा भी था।

इमरान खान को यह पत्र 7 मार्च को मिला था और 8 मार्च को विपक्ष के द्वारा नेशनल एसेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। 

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इसे लेकर पाकिस्तान मुसलिम लीग (नवाज़) यानी पीएमएल (एन) की नेता मरियम औरंगजेब ने कहा है कि एनएससी की मीटिंग के मिनट्स को अवाम के बीच रखा जाए। मरियम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर यह कथित पत्र 7 मार्च को मिला था तो 8 मार्च को बैठक क्यों नहीं बुलाई गई।पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी कहा है कि एनएससी के मुताबिक उसे इमरान खान के खिलाफ किसी तरह की साजिश के कोई सुबूत नहीं मिले हैं और वह इस पत्र के पीछे छिप रहे हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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