पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के पास मंगलवार दोपहर एक पार्क की गई कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मरने और घायल होने वालों में ज़्यादातर वकील और कोर्ट स्टाफ शामिल हैं। अधिकारियों ने इसे आत्मघाती हमला बताया है।

विस्फोट दोपहर क़रीब 12:30 बजे इस्लामाबाद जिला अदालत के मुख्य प्रवेश द्वार के पास हुआ, जब कोर्ट परिसर में पीक बिजनेस आवर्स चल रहे थे। धमाका इतना तेज़ था कि इसकी आवाज़ 6 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। घटनास्थल से उठते आग के गोले और काले धुएं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, इसमें एक जली हुई कार के अवशेष दिखाई दे रहे हैं।
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पास खड़ी कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं। घायलों को तुरंत निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में भर्ती घायलों में ज़्यादातर वकील, कोर्ट स्टाफ़ और राहगीर शामिल हैं। तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। फॉरेंसिक टीम ने हमलावर का सिर और शव के टुकड़े घटनास्थल से बरामद किए, जो सुसाइड अटैक की पुष्टि करते हैं। इस्लामाबाद पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ने कहा, 'हमलावर कोर्ट में घुसने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सुरक्षा चेक पर रुक गया। फिर उसने पुलिस वाहन को निशाना बनाया।' इंटीरियर मिनिस्टर मोहसिन नकवी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की निगरानी की और कहा, 'यह फित्ना अल-ख्वारिज का कृत्य है, जो अफगान तालिबान और भारत प्रायोजित तत्वों से जुड़ा है।'
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वकील रुस्तम मलिक ने एएफपी को बताया, 'मैंने अपनी कार पार्क की और कॉम्प्लेक्स में प्रवेश किया ही था कि गेट पर जोरदार धमाका हुआ। मैंने देखा कि गेट पर दो शव पड़े थे और कई कारें आग की लपटों में घिरी हुई थीं।'

पाकिस्तान के राष्ट्रपति असिफ अली जरदारी ने हमले की कड़ी निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इसे कायरतापूर्ण आतंकी कृत्य क़रार दिया है।

दक्षिण वजीरिस्तान में हमला नाकाम

इस्लामाबाद धमाके से कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दक्षिण वजीरिस्तान के कैडेट कॉलेज वाना पर तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के हमले को नाकाम कर दिया। ऑपरेशन में दो टीटीपी आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तानी सेना के अनुसार, हमलावरों का इरादा 2014 के पेशावर आर्मी पब्लिक स्कूल हमले की तरह नरसंहार करने का था, जिसमें 154 लोग मारे गए थे। हालाँकि, टीटीपी ने कॉलेज हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
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टीटीपी का बढ़ता ख़तरा

पाकिस्तान पिछले कई वर्षों से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के ख़तरे से जूझ रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से टीटीपी की गतिविधियाँ नाटकीय रूप से बढ़ी हैं। इस्लामाबाद ने काबुल पर टीटीपी नेताओं को पनाह देने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है।

एक दिन पहले दिल्ली में विस्फोट

इस्लामाबाद हमला दिल्ली के लाल किले के पास एक हुंडई i20 कार में विस्फोट के ठीक एक दिन बाद हुआ है। दिल्ली हमले में 9 लोग मारे गए और क़रीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं। इस हमले से पहले पुलिस ने पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और 2900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री जब्त की।