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इज़राइल ने ग़ज़ा में जमीनी हमले के लिए तैयारी तेज की, फोन व इंटरनेट बंद

इज़राइल की सेना ने कहा है कि वह शनिवार रात से अपने ज़मीनी अभियान को तेज़ करेगा। इसने घोषणा की कि ज़मीनी सेना ग़ज़ा में अपने अभियान का विस्तार करने के लिए तैयार है। इज़राइली सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि इज़राइल ने ग़ज़ा शहर के लोगों से दक्षिण की ओर बढ़ने का आह्वान किया है। यह घोषणा ग़ज़ा में शुक्रवार रात भारी बमबारी के बाद की गई। बमबारी के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

इधर इज़राइली हमलों का जवाब देने के लिए हमास भी तैयार है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली सेना द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्र पर हवाई और ज़मीनी हमलों को बढ़ाने के बाद हमास ने शनिवार को कहा कि ग़ज़ा में उसके लड़ाके पूरी ताकत से इजराइली हमलों का सामना करने के लिए तैयार हैं। 

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इजराइली सेना ग़ज़ा के बाहर जुट गई है। हमास द्वारा इजराइल पर 7 अक्टूबर को किए गए घातक हमले के बाद से इजराइल हवाई बमबारी का अभियान चला रहा है। इससे पहले सेना ने शुक्रवार को कहा था कि लड़ाकू जेट और ड्रोन की सहायता से इजराइली बलों ने दो दिनों में ग़ज़ा में दूसरा जमीनी हमला किया।

इज़राइली रक्षा बलों द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे वहाँ की सेना ने पिछले 24 घंटों में हमास के ठिकानों पर हमले किए। सीएनएन की एक रिपोर्ट में ग़ज़ा में एक नागरिक के हवाले से कहा गया है, 'लगभग तीन सप्ताह पहले युद्ध शुरू होने के बाद से शुक्रवार को किए गए हवाई हमले सबसे तेज़ थे।'

ग़ज़ा से एक लाइव सैटेलाइट टीवी प्रसारण के दौरान शनिवार की सुबह अल जज़ीरा के एक रिपोर्टर ने इजराइली बमबारी के बाद बचाव कार्यों के लिए इंटरनेट और फोन सेवा बाधित होने को 'विनाशकारी' बताया। संवाददाता ने बताया है, एम्बुलेंस सेवाएँ उपलब्ध नहीं होने के कारण फिलिस्तीनियों ने मृतकों और घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए अपनी कारों का सहारा लिया।
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने कहा कि उसका ग़ज़ा ऑपरेशन रूम और वहां काम कर रही टीमों से उसका संपर्क टूट गया है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने भी कुछ फिलिस्तीनी सहयोगियों तक पहुंचने में असमर्थता के बारे में चिंता व्यक्त की। संगठन विशेष रूप से मरीजों, चिकित्सा कर्मियों और अल शिफा अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में शरण लेने वाले कई परिवारों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंतित है।

बता दें कि शुक्रवार रात को बमबारी में इंटरनेट और संचार सेवाओं के बंद होने से इसके 2.3 मिलियन लोग फोन और इंटरनेट से कट गए हैं। कटऑफ के परिणामस्वरूप हमलों से हताहतों की संख्या का पता लगाने और जमीनी घुसपैठ पर जानकारी इकट्ठा करना मुश्किल है। इज़राइली सेना की घोषणा ने संकेत दिया कि वह ग़ज़ा पर पूर्ण आक्रमण के करीब पहुंच रही है।

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इस बीच इज़राइल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में आए प्रस्ताव से भारत ने खुद को अलग कर लिया है। प्रस्ताव में इज़राइल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के तुरंत बाद इज़राइल के समर्थन में खड़ा होने वाले रवैये के बाद अब भारत के रुख में बदलाव आया है और इसने फिलीस्तीन पर अपनी पुरानी नीति को दोहराया है। लेकिन इस बीच जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में मुद्दा उठा तो भारत ने खुद को उससे अलग कर लिया। 

संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी यूएनजीए के 193 सदस्य 10वें आपातकालीन विशेष सत्र में फिर से जुटे थे। जॉर्डन द्वारा पेश तत्काल मानवीय संघर्ष विराम के मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया गया। इस प्रस्ताव को बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों के सहयोग से लाया गया। इस प्रस्ताव को भारी बहुमत से अपनाया गया। 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान नहीं किया। मतदान नहीं करने वालों में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके आदि शामिल थे।

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