जिस इसलामी चरमपंथी गुट हमास ने इज़राइली ठिकानों पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले किए, उसकी नींव खुद इज़राइल ने रखी थी, उसे तमाम तरह की वित्तीय और राजनीतिक समर्थन दिया था और पाल पोस कर तब तक बड़ा किया, जब वह खुद इस यहूदी राज्य के ख़िलाफ़ नहीं हो गया। 

हरकत अल मकावमा अल इसलामिया (हमास) यानी इसलामी प्रतिरोध आन्दोलन नाम भी इसकी स्थापना के कई साल बाद दिया गया और इसका चार्टर तो उसके भी बाद सामने आया। 

इसके चार्टर में ही दुनिया के नक्शे से इज़राइल को ख़त्म कर देना इसका मूल मक़सद बताया गया है और इसलाम के इस पवित्र स्थान को मुक्त करना हर मुसलमान का कर्तव्य और पवित्र जिहाद बताया गया है, चाहे वह कहीं का रहने वाला हो। 

लेकिन यह पहली बार 1989 में पता चला कि इस संस्था का यह चार्टर है, इसका यह उद्देश्य है। 

तब तक तो दज़ला-फ़रात नदियों में काफी पानी बह चुका था। और पवित्र जोर्डन मुसलमानों और यहूदियों के ख़ून गिरने से काफी अपवित्र हो चुका था।