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भारतीय मूल की कमला हैरिस होंगी पहली महिला अमेरिकी राष्ट्रपति?

भारतीय मूल की डेमोक्रेटिक सांसद कमला हैरिस क्या अमेरिका की राष्ट्रपति बन सकती हैं। इसे लेकर अमेरिका और भारत में भी लोगों में काफ़ी उत्सुकता है। हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा जनवरी में की थी और अब तक वह 2.3 करोड़ डॉलर जुटा चुकी हैं। हैरिस राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के 20 से अधिक दावेदारों में से एक हैं और वह पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन को कांटे की टक्कर दे रही हैं। हैरिस ने हाल में हुई पहली प्राइमरी में अपनी बात को जोरदार ढंग से रखा था। कमला हैरिस कैलिफ़ोर्निया से सीनेटर हैं। अमेरिका में 2020 में राष्ट्रपति का चुनाव होना है। 
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए हैरिस के अभियान ने 2019 की दूसरी तिमाही में दो लाख 79 हजार से अधिक लोगों से लगभग 1.2 करोड़ डॉलर जुटाए और इस दौरान हैरिस के अभियान में लगभग डेढ़ लाख नये दानकर्ताओं ने योगदान दिया है। अभियान की ओर से जारी किए गए एक बयान के मुताबिक़, हैरिस ने सिर्फ़ अपने डिजिटल कार्यक्रम से ही 70 लाख डॉलर से अधिक की रकम जुटाई है। अभियान के दौरान, हैरिस कई मुद्दों पर बिडेन के रुख की आलोचना कर चुकी हैं।
हैरिस ने एक छोटी लड़की की फ़ोटो को भी ट्वीट किया था। उनके अभियान के दौरान उस बच्ची की फ़ोटो को ‘दैट लिटिल गर्ल वाज़ मी’ के साथ टी-शर्ट पर लिखकर बेचना शुरू किया था। यह बताया गया कि उन्होंने इससे 1,440 टी-शर्ट की बिक्री करते हुए लगभग पाँच लाख डॉलर जुटाए।
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हैरिस के अभियान के मैनेजर जुआन ने कहा कि लोग लगातार उनसे जुड़ रहे हैं। इससे प्राइमरी में हैरिस की ताक़त बढ़ेगी और वह डेमोक्रेटिक के लिए नामांकन की दावेदारी को जीतने में सफल होंगी।हैरिस ने अभियान के दौरान कहा है कि वह अश्वेत अमेरिकियों को होम लोन मिलने में आने वाली परेशानियों को दूर करेंगी। उन्होंने कहा कि वह भेदभाव को रोकने के लिए बने क़ानूनों को मज़बूत करने का काम करेंगी। हैरिस ने अल्पसंख्यक समुदाय को घर दिलाने में मदद के लिए 100 अरब डॉलर (करीब 6 लाख 86 हजार करोड़ रुपये) की योजना लाने का भी वादा किया है। अगर हैरिस प्रत्याशी बनने के साथ ही राष्ट्रपति का चुनाव भी जीत जाती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला और पहली अश्वेत महिला राष्ट्रपति होंगी।
कुछ समय पहले हैरिस को अमेरिकी अश्वेत नहीं होने को लेकर ऑनलाइन निशाना बनाया गया था। हैरिस की माँ भारत के चेन्नई की रहने वाली थीं जबकि उनके पिता जमैका के रहने वाले थे। अमेरिका की आबादी में एक फ़ीसदी लोग भारतीय मूल के अमेरिकी हैं।
बता दें कि कमला हैरिस ओबामा के क़रीबी लोगों में रही हैं और उन्हें ओबामा के कार्यकाल के दौरान ‘फ़ीमेल ओबामा’ या 'लेडी ओबामा' के नाम से पुकारा जाता था। कमला ने पिछले कुछ सालों में अपनी विशेष पहचान बनाई है और वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से आवाज़ उठाने वाले मुखर नेताओं में भी शामिल हैं। 
अमेरिकी मीडिया में आई ख़बरों में कहा गया था कि हैरिस को जन्म स्थान से जुड़े मुद्दों को लेकर निशाना बनाया गया। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी इसी तरह के नस्लीय हमलों का सामना करना पड़ा था। ओबामा के बारे में इस तरह की बातें फैलाई गईं थी कि वह जन्म से अमेरिकी नागरिक नहीं हैं और इसलिए वह अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य हैं। कहा जाता है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में जन्म स्थान से जुड़े मुद्दे को रिपब्लिकन नेता बढ़ावा देते रहे हैं।
लेकिन सवाल यह है कि कमला हैरिस को क्यों ट्रोल किया गया। सिर्फ़ इसलिए कि वह भारतीय मूल की अमेरिकी हैं। सही तो यह होता कि सीनेटर रहते हुए उनके कामकाज के आधार पर उनका आकलन किया जाता। आख़िर कमला हैरिस को कोई भी यूँ ही ‘लेडी ओबामा’ नहीं बुलाता। उनके भीतर ज़रूर काबिलियत होगी जिस वजह से उन्हें ओबामा के क़रीबियों में शुमार किया जाता है। जिस तरह से पिछले कुछ सालों में हैरिस की लोकप्रियता बढ़ी है और वह जो बिडेन को टक्कर दे रही हैं, उससे यह उम्मीद की जा सकती है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनेंगी और राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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