ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा। खामेनेई के अलावा ईरान के विदेश मंत्री, सेना के मुख्य कमांडर, यूएन में ईरानी दूत ने भी यही संदेश दिया।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने बुधवार को साफ-साफ कहा कि ईरान कभी सरेंडर नहीं करेगा। अमेरिका अगर इस युद्ध में इसराइल की तरफ से कूदा तो पूर्ण युद्ध होगा। अमेरिका को बड़ा नुकसान उठाना होगा। इस बीच रूस और तुर्की ने इसराइल और अमेरिका को चेतावनी दी है।
खामेनेई ने बुधवार दोपहर बाद ईरान की जनता को टीवी के जरिए संदेश दिया और उसमें तमाम बातें कहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प दो दिनों से ईरान और खामनेई पर बयान दे रहे थे। इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू उन्हें खत्म करने की धमकी दे रहे थे। सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में उन्हीं को जवाब दिया है। ट्रम्प ने कहा था कि ईरान को "बिना शर्त आत्मसमर्पण" कर देना चाहिए। ईरान पर इसराइल का हमला एक बहुत बड़ी गलती है।
खामेनेई ने कहा कि ईरान थोपी गई शांति या युद्ध को स्वीकार नहीं करेगा। ट्रंप की धमकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा: "जो लोग ईरान के इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरानी धमकी की भाषा का ठीक से जवाब नहीं देते हैं"। उन्होंने इस बहाने अमेरिका को एक सख्त संदेश भी दे दिया। उन्होंने कहा, "उन्हें (ट्रम्प) पता होना चाहिए कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करेगा और किसी भी अमेरिकी हमले के गंभीर, अपूरणीय नतीजे होंगे।"
खामेनेई के संदेश की 3 खास बातें
उन्होंने अमेरिका और इसराइल को कम से कम तीन संदेश भेजने की कोशिश की।
- ईरान अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष परमाणु संधि पर बातचीत कर रहा था। इस दौरान ईरान की ओर से किसी भी सैन्य या कठोर कार्रवाई का कोई संकेत नहीं था। लेकिन इसराइल ने उस संधि को रोकने के लिए ईरान पर हमला किया
- अमेरिकियों को पता होना चाहिए कि ईरान आत्मसमर्पण नहीं करने वाला है और किसी भी अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के नतीजे कल्पना से परे भुगतने होंगे।
- अमेरिकी भागीदारी इसराइल की कमजोरी का संकेत है। उन्होंने ईरानी नागरिकों को एकजुटता का संदेश भी दिया।
रूस की चेतावनी
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को चेतावनी दी कि इसराइल को सीधे अमेरिकी सैन्य सहायता से मध्य पूर्व में स्थिति में भारी अस्थिरता आ सकती है। अलग-अलग टिप्पणियों में, रूस की एसवीआर विदेशी खुफिया सेवा के प्रमुख सर्गेई नारिश्किन को यह कहते हुए कोट किया गया कि ईरान और इसराइल के बीच स्थिति अब गंभीर हो गई है।
रूस की इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार, रयाबकोव ने अमेरिका को इसराइल को सीधे सैन्य सहायता देने या ऐसे "अटकलें लगाने वाले विकल्पों" पर विचार करने के खिलाफ चेतावनी दी। इसमें उनके हवाले से कहा गया है, "यह एक ऐसा कदम होगा जो पूरी स्थिति को पूरी तरह से अस्थिर कर देगा।" इससे पहले, अमेरिकी आंतरिक चर्चाओं से परिचित एक सूत्र ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम कई विकल्पों पर विचार कर रही है, जिसमें ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले में इसराइल का साथ देना भी शामिल है।
नेतन्याहू ने हिटलर को पीछे छोड़ाः तुर्की
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का कहना है कि ईरान के पास इसराइल द्वारा सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बमबारी अभियान के दौरान खुद का बचाव करने का "वैध" अधिकार है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने कहा, "ईरान के लिए इसराइल की ठगी और आतंकवाद के खिलाफ खुद का बचाव करना एक बहुत ही स्वाभाविक, वैध और कानूनी अधिकार है।" उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को "मिडिल ईस्ट क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा" बताया। उन्होंने यह भी कहा कि नेतन्याहू ने ग़ज़ा में "नरसंहार" के अपराध करने में एडॉल्फ हिटलर को पीछे छोड़ दिया है। यह पहली बार नहीं है जब एर्दोगन ने नेतन्याहू की तुलना नाजी नेता से की है।