बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 80 वर्ष की थीं। बीएनपी ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि खालिदा जिया का इंतकाल फज्र की नमाज के तुरंत बाद सुबह करीब 6 बजे हुआ। पार्टी ने उनके लिए मगफिरत की दुआ मांगी और लोगों से उनकी रूह के लिए प्रार्थना करने की अपील की। सात दिनों का शोक घोषित किया गया है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने ख़ालिदा ज़िया के निधन पर शोक जताया है।

खालिदा जिया लंबे समय से बीमार थीं और ढाका के एवरकेयर अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें लीवर सिरोसिस, आर्थराइटिस, डायबिटीज, हृदय और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं सहित कई गंभीर बीमारियां थीं। हाल के दिनों में उनकी हालत बिगड़ गई थी और वे लाइफ सपोर्ट पर थीं।

राजनीतिक जीवन और उपलब्धियां

खालिदा जिया बांग्लादेश की सबसे प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में से एक थीं। वे 1991 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और 1991-1996 तथा 2001-2006 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं। उनके पति जियाउर रहमान, जो बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे और बीएनपी के संस्थापक, की 1981 में हत्या के बाद खालिदा जिया ने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने सैन्य शासक हुसैन मुहम्मद इरशाद के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया और 1990 में लोकतंत्र की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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उनकी राजनीति शेख हसीना की अवामी लीग से लंबे समय तक प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी रही, जिसने बांग्लादेश की राजनीति को दशकों तक प्रभावित किया। 2018 में भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें जेल हुई, जिसे वे राजनीतिक साजिश बताती थीं। 2020 में स्वास्थ्य आधार पर उनकी सजा निलंबित कर दी गई और वे घर में नजरबंद रहीं। 2024 में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद उन्हें रिहा किया गया और 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सभी मामलों में बरी कर दिया।

खालिदा जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं, जो 17 वर्ष निर्वासन के बाद 25 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश लौटे थे। उनके छोटे बेटे अराफत रहमान कोको की कुछ वर्ष पहले मलेशिया में मृत्यु हो गई थी।

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि देश ने एक महान संरक्षक खो दिया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताते हुए कहा कि वे खालिदा जिया के निधन से गहरा दुखी हैं और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

बीएनपी ने सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। खालिदा जिया का निधन बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है।

पीएम मोदी का शोक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके योगदान को याद किया। बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) की नेता के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी मृत्यु की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश राष्ट्रवादी परिषद की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुखद घड़ी को सहने की शक्ति प्रदान करें।”
उन्होंने भारत-बांग्लादेश राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देने में खालिदा जिया की भूमिका को भी स्वीकार किया और कहा कि उनके "महत्वपूर्ण योगदान" को हमेशा याद रखा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद, 2015 में बांग्लादेश की नेता से हुई अपनी मुलाकात को याद किया। उन्होंने लिखा, "हम आशा करते हैं कि उनकी दूरदृष्टि और विरासत हमारी साझेदारी का मार्गदर्शन करती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
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गौरतलब है कि खालिदा जिया के निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनकी जमकर प्रशंसा करना शेख हसीना के भारत में चल रहे निर्वासन के बीच आया है। हसीना, जो वर्षों से जिया की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी रही हैं, अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से भारत में रह रही हैं।