थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद में भगवान विष्णु की एक मूर्ति तोड़े जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कुछ दिन पहले ही थाई सेना ने विवादित इलाके में भगवान विष्णु की एक मूर्ति को तोड़ दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर भारत और कंबोडिया ने नाराजगी जताई, तो थाईलैंड ने सफाई दी कि यह कार्रवाई सुरक्षा कारणों से की गई, न कि किसी धर्म या हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए। इस मूर्ति को गिराए जाने पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि यह कार्रवाई दुनिया भर में इनको मानने वाले लोगों की भावनाएँ आहत करने वाली है।

थाई-कंबोडियाई बॉर्डर प्रेस सेंटर ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया, 'यह कार्रवाई धर्म, विश्वास या किसी पवित्र चीज का अपमान करने के लिए नहीं थी। यह सिर्फ इलाके की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए की गई, क्योंकि थाई सेना ने थाईलैंड की संप्रभुता वाले इलाके पर फिर से कब्जा किया था।' थाईलैंड ने यह भी कहा कि मूर्ति कोई पंजीकृत धार्मिक स्थल नहीं थी। वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और अगर किसी को गलतफहमी से तकलीफ हुई तो उसके लिए खेद है।

थाईलैंड ने क्या किया?

22 दिसंबर को थाई सेना ने विवादित इलाके चोंग अन मा में ऑपरेशन किया और कब्जा लिया। उसके बाद सेना के इंजीनियरों ने वहां भगवान विष्णु की मूर्ति को एक बड़ी मशीन से तोड़ दिया। यह मूर्ति 2014 में बनी थी और करीब 9 मीटर ऊंची थी। वीडियो में दिख रहा है कि मशीन से मूर्ति को गिराया और तोड़ा जा रहा है।

थाईलैंड का कहना है कि यह मूर्ति कंबोडियाई सैनिकों ने थाई इलाके पर अवैध कब्जा दिखाने के लिए लगाई थी। इसलिए इसे हटाया गया।

लेकिन कंबोडिया ने इसकी कड़ी निंदा की। प्रीह विहार प्रांत के प्रवक्ता किम चानपान्हा ने कहा, 'यह मूर्ति हमारे इलाके अन सेस में थी, थाई सीमा से करीब 100 मीटर दूर। हम प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के तोड़े जाने की निंदा करते हैं, जिन्हें बौद्ध और हिंदू अनुयायी पूजते हैं।'

भारत ने क्या कहा?

भारत ने भी इस घटना पर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, 'हमें हाल में बनी एक हिंदू देवता की मूर्ति तोड़े जाने की खबरें मिली हैं, जो थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद वाले इलाके में है। क्षेत्रीय दावों के बावजूद ऐसे अपमानजनक काम दुनिया भर के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और नहीं होने चाहिए।'

भारत ने कहा कि हिंदू और बौद्ध देवता क्षेत्र की साझा सभ्यता का हिस्सा हैं और बहुत पूजे जाते हैं। भारत ने दोनों देशों से अपील की कि बातचीत और कूटनीति से शांति बहाल करें, ताकि जान-माल का नुकसान न हो और संपत्ति-विरासत को नुकसान न पहुंचे।

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद क्यों?

यह विवाद बहुत पुराना है। करीब 118 साल से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनातनी चली आ रही है। दोनों देशों की 800 किलोमीटर लंबी सीमा पर प्रीह विहार मंदिर जैसे कई प्राचीन मंदिर हैं। प्रीह विहार मंदिर को अंतरराष्ट्रीय अदालत ने 1962 और 2013 में कंबोडिया को दिया था। लेकिन सीमा के पुराने नक्शों को लेकर झगड़ा रहता है।
इस साल जुलाई में झड़पें हुईं, फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से सीजफायर हुआ। लेकिन इस महीने फिर लड़ाई शुरू हो गई। अब तक दर्जनों लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हुए। दोनों तरफ से तोपें, रॉकेट और ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है।

इस विवाद में अब धार्मिक मूर्ति का तोड़ा जाना नई बात है, जिससे मामला और जटिल हो गया। दोनों देश बातचीत कर रहे हैं, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है। यह घटना दिखाती है कि सीमा विवाद में सैन्य कार्रवाई से धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं।