loader

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव क्यों ला रहा विपक्ष?

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ख़िलाफ़ अब महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की तैयारी है। भारत विरोधी रुख रखने वाले मुइज्जू के ख़िलाफ़ मालदीव में मुख्य विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं। मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एमडीपी ने मोहम्मद मुइज्जू सरकार के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने के लिए ज़रूरी पर्याप्त हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। चीन समर्थक राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव जल्द ही संसद में पेश किये जाने की संभावना है।

यह घटनाक्रम तब आया है जब मालदीव की संसद में रविवार को अराजकता सामने आयी थी। रविवार को सांसदों ने मारपीट की और मुइज्जू के कैबिनेट मंत्रियों के लिए संसदीय मंजूरी लेने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र को बाधित कर दिया। पीपुल्स नेशनल कांग्रेस यानी पीएनसी और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव यानी पीपीएम वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसद एमडीपी से भिड़ गए थे। संसद में इस तरह की अमर्यादित व्यवहार शायद ही कभी पहले देखा गया।

ताज़ा ख़बरें

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मुख्य विपक्षी एमडीपी के पास मालदीव की संसद में बहुमत है। यही एमडीपी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की योजना बना रही है। 

सन.कॉम ने एमडीपी के एक विधायक के हवाले से कहा, 'एमडीपी ने डेमोक्रेट के साथ साझेदारी में महाभियोग प्रस्ताव के लिए पर्याप्त हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। हालाँकि, उन्होंने अभी तक इसे जमा नहीं किया है।' द इंडियन एक्सप्रेस ने 'द एडिशन.एमवी' के हवाले से रिपोर्ट दी है कि सोमवार को एमडीपी की संसदीय समूह की बैठक में महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। पीपीएम-पीएनसी गठबंधन द्वारा स्पीकर मोहम्मद असलम और डेपुटी स्पीकर अहमद सलीम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के एक दिन बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर जुटाने की प्रक्रिया हुई है। मौजूदा स्पीकर और डेपुटी स्पीकर विपक्षी दल एमडीपी से हैं।

मुइज्जू हाल में भारत के साथ नीति को लेकर चर्चा में रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि भारत सरकार 15 मार्च से पहले द्वीपसमूह राष्ट्र से अपनी सैन्य उपस्थिति हटा ले। उनका यह बयान उनकी चीन की यात्रा के बाद आया था। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने वाले मालदीव के मंत्रियों की हालिया अपमानजनक टिप्पणियों पर दोनों देशों में तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच मालदीव में घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है।
नवंबर 2023 में मालदीव के नए राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ संबंधों को कम करने और चीन के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने आधिकारिक तौर पर भारत से देश में तैनात सैन्य कर्मियों को वापस लेने का अनुरोध किया था। अक्टूबर महीने में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद मुइज्जू ने कहा था कि लोग नहीं चाहते हैं कि भारत के सैनिकों की मौजूदगी मालदीव में हो और विदेशी सैनिकों को मालदीव की ज़मीन से जाना होगा।
दुनिया से और ख़बरें

दरअसल, मुइज्जू को चीन की ओर झुकाव वाला नेता माना जाता है। वह इससे पहले राजधानी माले शहर के मेयर रहे थे। वे चीन के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति सोलिह 2018 में राष्ट्रपति चुने गए थे। मुइज्जू ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत को देश में मनमर्जी से काम करने की छूट दी है।

सैनिकों को हटाने के लिए कहने के बाद मालदीव की मुइज्जू सरकार ने देश के हाइड्रोग्राफिक सर्वे पर भारत के साथ पिछली सरकार के समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फ़ैसला किया है। कहा जा रहा है कि मालदीव भारत के साथ 100 ऐसे समझौते की समीक्षा कर रहा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें