loader
फ़ोटो साभार: सोशल मीडियो/वीडियो ग्रैब

पाकिस्तान में मंदिर ढहाया, उल्टे टंगे जिन्ना के सपने

पाकिस्तान जब बना था, वहाँ 480 मंदिर थे। अब 20 भी नहीं हैं। उसकी 15 प्रतिशत आबादी हिंदू थी। अब दो प्रतिशत भी नहीं है। उसके कई प्रधानमंत्रियों— बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ, इमरान खान, चौधरी शुजात हुसैन, शौकत अजीज आदि— को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता रहा हूँ। उनमें से कुछ ने मुझे पाकिस्तान के हिंदू मंदिरों की यात्रा के लिए प्रेरित भी किया लेकिन इसलाम के ठेकेदार बने कट्टरपंथियों को कौन समझाए? 
डॉ. वेद प्रताप वैदिक

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वाह प्रांत में एक कृष्ण मंदिर को भीड़ ने ढहा दिया। उस भीड़ को भड़काया मौलाना मोहम्मद शरीफ ने, जिसका कहना था कि किसी मुसलिम देश में मंदिरों को ढहाना तो पुण्य-कर्म है। ‘जमीयते उलेमा इस्लाम’ के इस नेता के साथ गए लगभग एक हज़ार लोगों ने इस मंदिर को ढहाते वक़्त सोचा होगा कि उनके इस कारे-सवाब (पुण्य कर्म) पर पाकिस्तान की सरकार उनकी पीठ ठोकेगी लेकिन पाकिस्तान के उस सीमांत प्रांत की पुलिस ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 350 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। 

ख़ास ख़बरें

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं इस कुकर्म का संज्ञान लिया है और अब आतंकवाद-विरोधी क़ानून के तहत इन पर मुक़दमा भी चलेगा। खैबर-पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री ने उस मंदिर के पुनर्निमाण की घोषणा की है और यह भी कहा है कि इस्लाम किसी के भी पूजा-स्थल को ध्वस्त करने की इजाज़त नहीं देता। पाकिस्तान के नेताओं की इस तरह की घोषणाओं का महत्व क्या है? आम जनता तो जाक़िर नाइक जैसे मौलानाओं के फतवों को सही मानती है। नाइक ने मलेशिया में बैठे हुए बयान जारी किया है कि किसी इस्लामी देश में मंदिर वगैरह होने ही नहीं चाहिए। 

इस मूर्खतापूर्ण ख़्याल को अमली जामा पहनाने के लिए अनेक मुसलिम बादशाहों और आक्रांताओं ने भारत, अफ़ग़ानिस्तान तथा एशिया और यूरोप के कई देशों में मंदिरों और गिरिजाघरों को तबाह किया है लेकिन उनसे कोई पूछे कि यदि यही नियम अन्य मजहबों के लोग मसजिदों और दरगाहों पर लागू कर दें तो कैसा रहेगा? क्या एशिया, यूरोप और अमेरिकी महाद्वीप के ज़्यादातर देशों में कोई मसजिद बच पाएगी? 

जिन देशों में हिंदू, ईसाई, यहूदी या कम्युनिस्ट बहुसंख्या में हैं, क्या वहाँ इस्लाम का नामो-निशान भी बच पाएगा? दुनिया के लगभग 200 देशों में रहनेवाले शांतिप्रिय और सभ्य मुसलमानों का जीना क्या ये कट्टरपंथी मौलाना दूभर नहीं कर देंगे?

एक राष्ट्र के तौर पर पाकिस्तान की विफलता का मूल कारण यही है। आज के पाकिस्तान ने जिन्ना के सपनों के पाकिस्तान को उल्टा टांग रखा है। पाकिस्तान बनानेवालों का संकल्प यही था कि वे ‘पाक’ याने ‘पवित्र’ स्थान बनाएँगे। जहाँ मजहबी तास्सुब (भेदभाव) की कोई जगह नहीं होगी लेकिन अपनी नापाक हरकतों के कारण पाकिस्तान सारी दुनिया में बदनाम हो गया है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ उसका हुक्का-पानी बंद करने पर उतारु हैं। इसलाम की बेहतर नहीं, बदतर मिसाल बनता जा रहा है पाकिस्तान जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) इसलाम का उदारवादी चेहरा बनकर उभर रहा है। 

mandir demolished in pakistan khyber pakhtunkhwa karak district - Satya Hindi

पाकिस्तान जब बना था, वहाँ 480 मंदिर थे। अब 20 भी नहीं हैं। उसकी 15 प्रतिशत आबादी हिंदू थी। अब दो प्रतिशत भी नहीं है। उसके कई प्रधानमंत्रियों— बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ, इमरान खान, चौधरी शुजात हुसैन, शौकत अजीज आदि— को मैं व्यक्तिगत रूप से जानता रहा हूँ। उनमें से कुछ ने मुझे पाकिस्तान के हिंदू मंदिरों की यात्रा के लिए प्रेरित भी किया लेकिन इसलाम के ठेकेदार बने कट्टरपंथियों को कौन समझाए? वे इस्लाम और पाकिस्तान, दोनों की कुसेवा कर रहे हैं।

 (डॉ. वेद प्रताप वैदिक के ब्लॉग www.drva]ridik.in से साभार)

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
डॉ. वेद प्रताप वैदिक
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें