भारत में सत्तर के दशक में या तो इंदिरा गांधी के पास सबसे ज्यादा ताकत थी या फिर मौजूदा दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सबसे ज्यादा ताकत है। 1970 के दशक में जब लोगों के मौलिक अधिकार तक छिन गए गए थे, इंदिरा गांधी तानाशाही के दौर को अदालत ने कड़ी चुनौती दी। लेकिन जैसे-जैसे भारत 2024 के आम चुनाव की तरफ बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ देश के लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बढ़ती जा रही है। हालांकि उन्हें देश की न्यायपालिका से थोड़ा बहुत झटका लगता है लेकिन भारत के राजनीतिक विश्लेषकों, राजनयिकों और राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि मोदी की पार्टी अपनी रक्षा के लिए अदालतों पर निर्भर है। देश को धीरे-धीरे एक-दलीय राज्य की ओर धकेला जा रहा है। यह रिपोर्ट न्यूयॉर्क टाइम्स में कल बुधवार को प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी चुनौतियों को जितना किनारे करने की कोशिश करते हैं, वो उतना ही बढ़ रही है।
पीएम मोदी के लिए चुनौतियां क्यों बढ़ रही हैंः न्यूयॉर्क टाइम्स
- दुनिया
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- 29 Mar, 2025
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री का राजनीतिक विश्लेषण किया है और पाया है कि भारत जब 2024 के आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है, नरेंद्र मोदी की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। वो एक चुनौती को किनारे लगाते हैं तो दूसरी तैयार मिलती है। पढ़िए, पूरी रिपोर्टः
