न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने दीवाली के अवसर पर हिंदू-अमेरिकी समुदाय के बीच पहुँचकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी पर तीखा हमला बोला। कुछ महीने पहले पीएम मोदी को 'युद्ध अपराधी' बताने वाले ममदानी ने न्यूयॉर्क के क्वींस में कई हिंदू मंदिरों का दौरा किया और अपने बयानों का बचाव करते हुए कहा कि वे एक ऐसे भारत में पले-बढ़े हैं जो बहुलवाद का उत्सव मनाता था।

ममदानी ने हिंदू-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं पीएम मोदी का आलोचक इसलिए रहा हूँ क्योंकि मैं जिस भारत में बड़ा हुआ, वह एक बहुलवादी भारत था, जहां हर धर्म के लोग एकसाथ रहते थे। मेरी आलोचना पीएम मोदी और बीजेपी की उस विचार के खिलाफ है, जो भारत में केवल कुछ खास तरह के भारतीयों के लिए जगह होने की बात करती है।' उन्होंने कहा कि बहुलवाद का उत्सव मनाया जाना चाहिए और इसके लिए प्रयास करना चाहिए।
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हिंदू-अमेरिकी समुदाय के पास क्यों पहुँचे?

दरअसल, जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं। इस साल की शुरुआत में डेमोक्रेटिक मेयर प्राइमरी में जीत के बाद उनके मेयर बनने की उम्मीदें बढ़ी हैं। हाल के सर्वेक्षणों के अनुसार, ममदानी अपने स्वतंत्र उम्मीदवार प्रतिद्वंद्वी और न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो से 13 प्रतिशत अंकों से आगे हैं। हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में उनकी बढ़त कम हुई है। यदि तीसरे स्थान पर रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा दौड़ से हटते हैं, तो ममदानी के लिए यह रेस और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में अब दो सप्ताह से भी कम समय बचा है और ममदानी सभी समुदायों के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। न्यूयॉर्क शहर में भारतीय-अमेरिकी आबादी सबसे बड़ी है। ममदानी भारत से जुड़े होने पर गर्व करते हैं। 

जोहरान ममदानी हिंदू-अमेरिकी समुदाय का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उनके हालिया बयानों ने कई हिंदू-अमेरिकियों को नाराज किया है।

पुराने बयानों से है विवाद 

इस साल की शुरुआत में डेमोक्रेटिक मेयर प्राइमरी में जीत के बाद ममदानी का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला था। इस वीडियो में ममदानी ने दावा किया था कि गुजरात से मुसलमानों को 'खत्म' कर दिया गया। इसके अलावा मेयर चुनाव से पहले उम्मीदवारों के मंच पर ममदानी ने पीएम मोदी की तुलना इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से करते हुए दोनों को 'युद्ध अपराधी' करार दिया था।
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हिंदू-अमेरिकियों का विरोध 

ममदानी के बयानों ने न केवल भारत में बल्कि न्यूयॉर्क के हिंदू-अमेरिकी समुदाय में भी विवाद खड़ा किया है। जून में डेमोक्रेटिक प्राइमरी से दो दिन पहले स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर एक विमान ने बैनर लहराया, जिसमें लिखा था, 'न्यूयॉर्क को वैश्विक इंतिफादा से बचाएं' और 'ममदानी को खारिज करें।' न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस बैनर के पीछे हिंदू-अमेरिकियों का एक समूह था, जो ममदानी की 'हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी एजेंडे' से नाराज था।

पीएम मोदी समर्थकों से क्या कहा

बहरहाल, ममदानी ने उन हिंदू-अमेरिकियों से भी अपील की जो उनके पीएम मोदी के प्रति विचारों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि मैं न्यूयॉर्क शहर का मेयर बनने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, जहां साढ़े आठ मिलियन लोग रहते हैं और उनमें से कई मेरे मोदी के बारे में विचारों से असहमत हो सकते हैं। यह उनका अधिकार है, और मैं फिर भी उनका प्रतिनिधित्व करूंगा, क्योंकि मेरी जिम्मेदारी न्यूयॉर्कवासियों के रूप में उनकी सुरक्षा और इस शहर में उनकी सामर्थ्य सुनिश्चित करना है।' ममदानी ने यह भी कहा कि यह सबक उन्होंने एक बहुलवादी समाज में पलते हुए सीखा है।
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भारत में भी आलोचना 

भारत में ममदानी के गुजरात दंगों पर दावों की दोनों प्रमुख पार्टियों- कांग्रेस और बीजेपी ने आलोचना की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर लिखा था, "जब जोहरान ममदानी बोलते हैं, तो पाकिस्तान की पीआर टीम को छुट्टी मिल जाती है। भारत को ऐसे 'मित्रों' की जरूरत नहीं जो न्यूयॉर्क से काल्पनिक बातें चिल्लाएं।" बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने भी ममदानी की आलोचना करते हुए कहा कि वे भारतीय से ज्यादा पाकिस्तानी लगते हैं।

न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में ममदानी की राह आसान नहीं है। पीएम मोदी के खिलाफ उनके बयानों ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक बड़े हिस्से को नाराज किया है, जो इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। क्या ममदानी अपने बहुलवादी नज़रिए के साथ इस समुदाय का विश्वास जीत पाएंगे, या उनके विवादास्पद बयान उनकी जीत की राह में बाधा बनेंगे?