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पीएम मोदी ने अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिनों के दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई गये हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन यूएई की राजधानी अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर का उन्होंने बुधवार को उद्घाटन किया है। 27 एकड़ भूमि पर बने इस मंदिर के उद्घाटन के बाद उन्होंने यहां पर पूजा भी की है।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज यूनाइटेड अरब अमीरात की धरती ने मानवीय इतिहास का एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। आज अबू धाबी में एक भव्य और दिव्य मंदिर का उद्घाटन हो रहा है। और ये क्षण वर्षों की मेहनत को समेटे हुए है। इस पल के पीछे वर्षों की मेहनत लगी है। इसमें वर्षों पुराना सपना जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि, इसमें भगवान स्वामी नारायण का आशीर्वाद जुड़ा है। आज प्रमुख स्वामी जी जिस दिव्य लोक में होंगे, उनकी आत्मा जहां होगी, वहां प्रसन्नता का अनुभव कर रही होगी।
आज वसंत पंचमी का पवित्र त्योहार भी है। पर्व मां सरस्वती का पर्व है। माँ सरस्वती यानी, बुद्धि और विवेक की, मानवीय प्रज्ञा और चेतना की देवी! ये मानवीय प्रज्ञा ही है जिसने हमें सहयोग, सामंजस्य, समन्वय और सौहार्द जैसे आदर्शों को जीवन में उतारने की समझ दी।
मुझे आशा है कि ये मंदिर भी मानवता के लिए बेहतर भविष्य के वसंत का स्वागत करेगा। ये मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगा।
मुझे उम्मीद है कि बीएपीएस मंदिर पूरी दुनिया के लिए सांप्रदायिक सद्भाव और वैश्विक एकता का प्रतीक बनेगा।इस भव्य मंदिर के निर्माण में यूएई सरकार की भूमिका की जितनी सराहना की जाए कम है।
पीएम मोदी ने कहा कि, अब तक जो यूएई बुर्ज खलीफ़ा, फ्यूचर म्यूज़ियम, शेख जायद मस्जिद और दूसरी हाइटेक बिल्डिंग्स के लिए जाना जाता था, अब उसकी पहचान में एक और सांस्कृतिक अध्याय जुड़ गया है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इससे यूएई आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ेगी और लोगों का लोगों से संपर्क भी बढ़ेगा।
इस भव्य मंदिर को साकार करने में अगर किसी की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका है, तो वह कोई और नहीं बल्कि मेरे भाई महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद हैं।
यूएई सरकार ने करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरे दिल से काम किया है। यूएई सरकार ने न सिर्फ यूएई में रहने वाले भारतीयों का बल्कि सभी 140 करोड़ भारतीयों का दिल जीत लिया है
मैं पूरे भारत और विश्व भर में रहने वाले करोड़ों भारतवंशियों की ओर से प्रेसिडेंट शेख मोहम्मद को और यूएई सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मैं यूएई के लोगों का भी उनके सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

करीब 700 करोड़ की लागत से बना है

सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बीएपीएस ने दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप बनाया है। अबूधाबी में बने इस मंदिर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर नागर शैली में बनाया गया है।
मंदिर के लिए जमीन यूएई की सरकार ने दान में दी है। इस मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बुधवार सुबह शुरू हुआ था। पीएम मोदी ने शाम को इस भव्य मंदिर के उद्घाटन किया। 
अपनी वास्तुकला के लिए भी यह मंदिर पूरी दुनिया में एक अलग पहचान रखेगा। मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों को दर्शाया गया है।
इसके साथ ही माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी इस मंदिर परिसर में दर्शाया गया है। इस मंदिर में 'शांति का गुंबद' और 'सौहार्द का गुंबद' भी बनाया गया। 
27 एकड़ में फैले हुए इस विशाल मंदिर में 7 शिखर या मीनारें हैं जो कि यूएई के 7 अमीरातों को इंगित करती हैं। इन सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं। ये मीनारें विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के परस्पर संबंध को रेखांकित कर रही हैं। 
माना जा रहा है कि, कुल 108 फीट ऊंचा यह मंदिर यूएई में विभिन्न समुदायों के सांस्कृतिक मेल-मिलाप को बढ़ावा देगा। 
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस भव्य हिंदू मंदिर के निर्माण में  करीब चार वर्ष का समय लगा है।
2019 में ही इसके निर्माण का काम शुरु हो गया था लेकिन बीच में कोरोना महामारी के कारण कुछ समय तक निर्माण कार्य रुका रहा। 
अबू धाबी में बने इस मंदिर को बनाने का काम भारतीय कारीगरों ने ही है। इस मंदिर को बनाने में हाथ से नक्काशे गए संगमरमर और बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है। 
इसे बनाने में सरिया का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सिर्फ पत्थरों का इस्तेमाल कर इसे बनाया गया है। इसको लेकर  दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर अगले एक हजार वर्ष से अधिक समय तक सुरक्षित रहेगा। 
संयुक्त अरब अमीरात या यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। भारतीय मूल के लोगों की आबादी यूएई में कुल जनसंख्या का करीब 30 प्रतिशत है। ये भारतीय यूएई कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में मजदूरी करने से लेकर कारोबार तक में भारतीय बड़ी संख्या में मौजूद हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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