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रिपोर्ट में दावा, रूस की कोरोना वैक्सीन 12 अगस्त तक ही तैयार हो जाएगी

लगता है कि कोरोना की वैक्सीन के लिए इस साल के आख़िर तक इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार रूस 12 अगस्त तक वैक्सीन तैयार कर लेगा। 'ब्लूमबर्ग' की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस 10-12 अगस्त तक इस वैक्सीन को रजिस्टर करने की तैयारी कर रहा है। नियामकों द्वारा रजिस्टर करने के तीन से सात दिन के अंदर आम लोगों के लिए इस वैक्सीन को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन होगी जो लोगों के लिए उपलब्ध होगी। लेकिन सवाल है कि एकाएक रूस की वैक्सीन इतनी जल्दी कैसे तैयार हो गई जब ऑक्सफ़ोर्ड और अमेरिका की मॉडर्ना की वैक्सीन इस मामले में सबसे आगे चल रही थीं? इन दोनों की वैक्सीन इस साल के आख़िर तक आने की उम्मीद जताई जाती रही है। 

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रूस की इस वैक्सीन को मॉस्को के गामालेया संस्थान और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष द्वारा विकसित किया गया है। हालाँकि, इस बारे में रूस सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ब्लूमबर्ग ने वैक्सीन की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से यह जानकारी दी है जिन्होंने अपनी पहचान नहीं ज़ाहिर करने का आग्रह किया।

हालाँकि, रूस की उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक में कहा, गामालेया की वैक्सीन को अगस्त में सशर्त पंजीकरण मिलने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि इसे अभी भी 1,600 लोगों पर ट्रायल को पूरा करने की ज़रूरत होगी। उन्होंने कहा कि सितंबर में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।

रूस की वैक्सीन इतनी जल्दी कैसे तैयार हुई?

इस महीने की शुरुआत में ही रूस के गामालेया की इस वैक्सीन का इंसानों पर पहले चरण के ट्रायल को सफल क़रार दिया गया था। रूस की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 13 जुलाई को इसका दूसरा चरण शुरू हुआ था। यानी समझा जा सकता है कि दूसरे चरण के ट्रायल के बाद ही रूस इस वैक्सीन को रजिस्टर करना चाहता है। जबकि ऑक्सफ़ोर्ड और मॉडर्ना की वैक्सीन दूसरे चरण का ट्रायल काफ़ी पहले ही पूरा कर चुकी हैं और वे तीसरे चरण के ट्रायल की प्रक्रिया में हैं। 

सामान्य तौर पर जब तक तीसरे चरण का ट्रायल नहीं होता है तब तक किसी वैक्सीन को लोगों को उपलब्ध कराने की मंजूरी नहीं दी जाती है।

बता दें कि पहले चरण के ट्रायल में कुछ लोगों पर वैक्सीन की सुरक्षा को परखा जाता है। यह कुछ हफ़्तों से लेकर कई महीनों तक चलता है। दूसरे फेज में सैकड़ो लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल कर यह परखा जाता है कि इम्युन सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं। तीसरे चरण के ट्रायल में हज़ारों लोगों पर इसे परखा जाता है और इसके असर को देखा जाता है।

लेकिन जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि रूस में सितंबर में वैक्सीन का उत्पादन करने की तैयारी है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि जब तक तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होगा तब तक इस वैक्सीन को सिर्फ़ स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा। शायद इसीलिए अगस्त महीने में इस वैक्सीन को नियामकों में रजिस्टर कराने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि इसीलिए सितंबर में ही बड़े स्तर पर इस वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। 

अब कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भले ही रूस इस वैक्सीन को 12 अगस्त तक रजिस्टर करा ले और हफ़्ते भर के अंदर इसे लोगों के लिए उपलब्ध कराने की मंजूरी दिला दे, लेकिन लगता नहीं है कि अगस्त में आम लोगों को यह वैक्सीन मिल पाएगी। हालाँकि उम्मीद की जानी चाहिए कि सितंबर में यह वैक्सीन शायद लोगों को मिलने लगे।

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बहरहाल, दुनिया भर की निगाहें इस पर टिकी हैं कि वैक्सीन जल्द से जल्द आए। लोगों को वैक्सीन से इसलिए भी उम्मीद है कि अब तक कोरोना वायरस बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया है और दुनिया भर में क़रीब 1 करोड़ 70 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। 6 लाख 66 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले अमेरिका में क़रीब 45 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और डेढ़ लाख लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राज़ील में क़रीब 24 लाख संक्रमण के मामले आए हैं और 88 हज़ार लोगों की मौत हुई है। भारत तीसरे स्थान पर है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,83,792 हो गयी है और अब तक कुल 34,968 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 52,123 मामले सामने आए हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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