पाकिस्तान के ननकाना साहिब से जिस सिख लड़की के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की शिकायत उसके परिजनों ने की थी, स्थानीय पुलिस ने दावा किया है कि वह अपने घर वापस आ गई है और इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन दूसरी ओर, लड़की के भाई ने कहा है कि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है और उसकी बहन घर नहीं आई है। लड़की की उम्र 19 साल है।
लड़की के परिजनों ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि लड़की का अपहरण करने के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर एक मुसलिम लड़के से शादी करा दी गई थी। यह मामला तब सामने आया था जब शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली के विधायक मन्जिन्दर सिंह सिरसा ने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया था। पीड़िता के पिता ननकाना साहिब में स्थित तंबू साहिब गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं।
अदालत के आदेश के बाद लड़की को लाहौर के एक शेल्टर होम में भेज दिया गया है। लड़की ने इस मामले में अदालत में लिखित हलफ़नामा भी दिया है और कहा है कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है और हसन से शादी की है। उसने अपने परिवार पर आरोप लगाया है कि उसका परिवार उसे मारना चाहता है।
बता दें कि इस मामले में सबसे पहले परिजनों ने वीडियो जारी किया था। लड़की के भाई ने कहा था, ‘कुछ गुंडे रात को हमारे घर में घुसे और मेरी बहन को घसीट कर ले गए और उससे इस्लाम कबूल करवा लिया। सुबह हम पुलिस के पास गए और हमने एफ़आईआर करवाई लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। थोड़ी देर बाद वे गुंडे फिर आए थे और धमकी दी थी कि अगर उन्होंने एफ़आईआर वापस नहीं ली तो उन्हें भी इस्लाम कबूल करना पड़ेगा।’
लड़की के भाई ने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान उनकी सुरक्षा करें और उसकी बहन को वापस दिलाएँ। लड़की के भाई ने पूरे परिवार के साथ आत्मदाह की भी धमकी दी थी। बाद में लड़की के एक और भाई मनमोहन सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी बहन को धमकी दी गई थी कि अगर वह इस्लाम कबूल नहीं करेगी तो उसके पापा और भाई को गोली मार दी जाएगी।
परिजनों का वीडियो सामने आने के बाद शुक्रवार को लड़की का भी वीडियो सामने आया था जिसमें उसने कहा था कि उसने इस्लाम कबूल कर लिया है और अब उसका नाम आयशा है। वीडियो में एक शख़्स उससे पूछता है कि क्या वह निकाह अपनी मर्जी से कर रही है तो लड़की हाँ कहती है और यह भी कहती है कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है। वीडियो में लड़की के साथ वह शख़्स भी था जिस पर उसके अपहरण का आरोप है और इसके बाद मौलवी ने दोनों का निकाह पढ़वाया।
बता दें कि इस घटना के बाद भारत और पूरी दुनिया में फैले सिख समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी और उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से मामले में कड़ी कार्रवाई करने की माँग की थी।
पाकिस्तान को भी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आतंकवादी कार्रवाईयों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई न करने के चलते फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) के निशाने पर है और उसके ब्लैक लिस्टेड होने का ख़तरा है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भी पाकिस्तान के अधिकारियों से कहा गया था कि वह इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे।
जमात-उद-दावा से जुड़ा है युवक!
इस मामले में हैरान करने वाली जानकारी यह है कि बताया गया है कि लड़की से शादी करने वाला युवक हाफ़िज़ सईद के आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा से जुड़ा हुआ है। अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। हाफ़िज़ सईद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक भी है और 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमला कर चुका है।
इस मामले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी। इसके अलावा कई सिख संगठनों ने सिख लड़की को जबरन इस्लाम कबूल करवाने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की थी और देश भर में प्रदर्शन किये थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इमरान ख़ान और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की माँग की थी।
बदनाम है पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान से लगातार ऐसी ख़बरें आती रहती हैं कि वहाँ अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है। यह आरोप लगता है कि पाकिस्तान में हिंदू, सिख, ईसाई, हाजरा व अहमदिया अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा, धर्मांतरण, नाबालिग अल्पसंख्यक कन्याओं के अपहरण, बलात्कार व जबरन विवाह का सिलसिला जारी है। इसी साल होली के मौक़े पर यह ख़बर सामने आई थी कि होली के दिन रीना (15) और रवीना (13) नाम की दो नाबालिग लड़कियों का कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था और बाद में जबरन धर्म परिवर्तन करते हुए उनकी शादी कर दी गई।
मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक़, पाकिस्तान सरकार वहाँ अल्पसंख्यकों पर अत्याचार व हिंसा रोकने में असफल रही है और इसी कारण अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती जा रही है। पाकिस्तान की सरकार पर आरोप लगता है कि वह आतंकवादियों को बढ़ावा देती है और वे पाकिस्तान की पहचान इस्लामिक बनाये रखने के लिए अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करते हैं।