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ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के कारण खतरनाक वैरिएंट आ सकते हैं: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के कारण कोरोना के खतरनाक और नए वैरिएंट सामने आ सकते हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन को लेकर शुरुआत में जितनी चिंता दिख रही थी यह उतना खतरनाक नहीं है। 

डब्ल्यूएचओ की ओर से इस बात की उम्मीद जताई गई है कि कोरोना महामारी ख़त्म हो सकती है और लोग पुरानी जीवन शैली जी सकते हैं। 

डब्ल्यूएचओ की एक वरिष्ठ अफसर कैथरीन स्मॉलवुड ने न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी से कहा कि ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के कारण कोई विपरीत असर भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के ज्यादा फैलने से हो सकता है कि कोई नया वैरिएंट सामने आ जाए। 

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उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन डेल्टा से कमजोर है लेकिन इस बात को कोई नहीं कह सकता कि कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आएगा। 

इजराइल में फ़्लोराना के बाद फ्रांस में आईएचयू नाम से नया वैरिएंट मिला है। ऐसे में कैथरीन स्मॉलवुड का बयान सही साबित होता दिखता है। 

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कुछ दिन पहले कहा था कि वे ओमिक्रॉन को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि यह बेहद तेजी से फैलता है और इसी वक्त डेल्टा वैरिएंट भी फैल रहा है और इस वजह से कोरोना की सुनामी आ रही है। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा होना जारी रहता है तो इससे स्वास्थ्य कर्मियों पर जबरदस्त दबाव पड़ेगा और हमारा स्वास्थ्य ढांचा ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा। 

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बता दें कि फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन में कोरोना के मामले बेहद रफ्तार के साथ बढ़ रहे हैं और भारत में भी बीते दिनों में कोरोना के मामलों में उछाल आया है।

यूरोप में इस महामारी की शुरुआत के बाद से ही लाखों मामले आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की इस अफसर ने कहा कि हम लोग खतरनाक दौर में हैं और पश्चिमी यूरोप में संक्रमण के मामलों को बहुत तेजी से बढ़ते हुए देख रहे हैं।

भारत में ओमिक्रॉन के चलते कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जताया जा चुका है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते हो रही रैलियों के कारण भी वायरस के बहुत तेज रफ्तार के साथ फैलने का खतरा बना हुआ है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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