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श्रीलंका: सरकार के सभी 26 मंत्रियों का इस्तीफ़ा, राजपक्षे पीएम बने रहेंगे

श्रीलंका में लगातार बिगड़ते हालात के बीच वहां की सरकार के सभी 26 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इन सभी 26 मंत्रियों ने रविवार रात को एक अहम बैठक के बाद इस्तीफा दिया। लेकिन महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे। बीते हफ्ते राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। 

रविवार को बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने मुल्क में चल रही आर्थिक बदहाली के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। पुलिसकर्मियों को उन्हें हटाने के लिए पानी की बौछार करनी पड़ी थी। 

छात्र सरकार की ओर से लगाए गए वीकेंड कर्फ्यू का भी विरोध कर रहे थे। बीते हफ्ते बड़ी संख्या में लोगों ने कोलंबो में प्रदर्शन किया था और राष्ट्रपति के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की थी। तब उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी। लोगों की मांग थी कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को हटा दिया जाना चाहिए।

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इससे पहले विपक्षी नेताओं ने राजधानी कोलंबो में मार्च निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लगातार प्रदर्शनों से घबराई हुई सरकार ने शनिवार को ही सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था। इस बैन को रविवार दोपहर को हटा लिया गया।

ईंधन, खाने का सामान, दवाएं और दूसरी जरूरी चीजों की जबरदस्त किल्लत के खिलाफ लोग लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसे लेकर अभी तक 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

श्रीलंका में हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों को पेट्रोल और डीजल तक मिलना मुश्किल हो गया है। बिजली का उत्पादन नहीं होने से हर दिन 10 घंटे से ज़्यादा का पावरकट लग रहा है। स्कूलों में परीक्षाएं ठप हैं और जरूरी दवाएं भी लोगों को नहीं मिल पा रही हैं।

कोलंबो के अलावा गाले, मतारा और मोरातुवा शहरों में भी सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए हैं और इन जगहों पर लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया। हालात को देखते हुए मुल्क में पुलिस और सेना को अलर्ट पर रखा गया है।

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निशाने पर राजपक्षे 

आर्थिक नीतियों के मामले के अलावा राष्ट्रपति राजपक्षे परिवारवाद को लेकर भी आलोचकों के निशाने पर हैं। उनके भाई महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं जबकि छोटे भाई बासिल राजपक्षे वित्त मंत्री हैं। राजपक्षे के बड़े भाई और भतीजे राजपक्षे की कैबिनेट में हैं। 

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आने वाले दिनों में अगर लोगों को जरूरत की चीजें सही वक्त पर और सही क़ीमत पर नहीं मिली तो हालात के और बिगड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
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क़मर वहीद नक़वी
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