सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ  ने चुनाव आयोग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि देश में एक के बाद एक केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग की आजादी को पूरी तरह नष्ट कर दिया। 1996 से किसी भी मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को पूरे 6 साल का कार्यकाल नहीं मिला। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया गया। इस वजह से यह खतरनाक कदम हर सरकार उठाती रही और अल्प समय के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करती रही। 
ऐसा CEC हो, जो दब न सके, शेषन तो कभी कभी आते हैंः SC
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 - 29 Mar, 2025

 
चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कड़ी टिप्पणियां की हैं। जानिए पूरा ब्यौराः
























