सरकार गठन पर तालिबान के प्रतिद्वंद्वी गुटों में विवाद की रिपोर्टों के बीच अब नया फ़ॉर्मूला सामने आया है। इसके तहत बेहद कम चर्चित नेता को अफ़ग़ानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि तालिबान नेता मुल्ला हसन अखुंद को इस पद पर बैठाया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में शामिल अखुंद को प्रधानमंत्री के रूप में इसलिए चुने जाने की संभावना है क्योंकि तालिबान के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद है और उन गुटों में समझौते के तहत इनका नाम आया है। नया फॉर्मूला बनाने में पाकिस्तान की भी भूमिका बताई जा रही है। तीन दिन पहले ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के प्रमुख आईएसआई भी काबुल पहुँचे थे।