अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बातचीत की। यह शरीफ का ओवल ऑफिस में पहला दौरा था, जो 2019 के जुलाई में इमरान खान के दौरे के बाद किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का पहला ऐसा दौरा है। बैठक में या बैठक के बाद प्रेस को कोई ब्रीफिंग नहीं दी गई। इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, क्षेत्रीय सुरक्षा और ग्लोबल चुनौतियों पर चर्चा हुई।

यूएस की नीति में बड़ा बदलाव

यह मुलाकात अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में 1971 के बाद का सबसे बड़ा झुकाव मानी जा रही है। खासकर तब जब ट्रंप ने पहले पाकिस्तान को "धोखेबाज आतंकी अड्डा" करार दिया था। बैठक के बाद न तो कोई आधिकारिक बयान जारी हुआ और न ही प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिससे इसके उद्देश्य और परिणामों पर अटकलें तेज हो गई हैं।
बैठक दोपहर 4:30 बजे शुरू होनी थी, लेकिन ट्रंप द्वारा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर और पत्रकारों से बातचीत के कारण आधे घंटे की देरी से शुरू हुई। पाकिस्तानी सरकार द्वारा जारी तस्वीरों में ट्रंप, शरीफ और मुनीर को साथ बैठे दिखाया गया, जहां ट्रंप मुस्कुराते हुए थंब्स-अप दे रहे थे। एक अन्य फोटो में ट्रंप व्हाइट हाउस का मॉडल दिखाते नजर आ रहे हैं, जबकि विदेश मंत्री मार्को रूबियो पाकिस्तानी नेताओं के साथ हंसते दिखे। ट्रंप ने अपनी लैपल पर फाइटर जेट की पिन पहनी थी, जिसे पहले पाकिस्तान द्वारा हालिया युद्ध में भारतीय विमानों को मार गिराने की मान्यता माना गया, लेकिन बाद में स्पष्ट किया गया कि यह पिन तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के साथ F-16 और F-35 बिक्री पर चर्चा के दौरान पहनी गई थी।
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ख्वाजा आसिफ का विवादित ट्वीट

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, जो बैठक से बाहर रखे गए थे, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया: "भारत पर विजय, सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता, और पाक-अमेरिका संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति। 2025, सफलताओं से भरा साल, अल्हम्दुलिल्लाह। हाइब्रिड सिस्टम की साझेदारी की सफलताओं का निरंतरता। अल्लाहु अकबर।" 

ट्रंप ने शरीफ और मुनीर को महान नेता कहा

राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत में शरीफ और मुनीर की तारीफ करते हुए कहा, "हमारे पास एक महान नेता आ रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल। फील्ड मार्शल एक बहुत ही शानदार व्यक्ति हैं, और प्रधानमंत्री भी, दोनों ही। वे आ रहे हैं, और शायद अभी इस कमरे में मौजूद हों।" ट्रंप ने दोनों को "महान नेता" करार दिया।

यूएस-पाकिस्तान संबंधों के नए समीकरण

यह बैठक अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नए समीकरण का संकेत है। इसकी पहल इस बार ट्रंप की तरफ से हुई है। दूसरी तरफ अमेरिका-भारत और पाकिस्तान-बारत संबंधों में तनाव बढ़ा है। 2022 में मॉस्को के यूक्रेन पर हमले के बाद भारत ने रूसी तेल की खरीद बढ़ाई। ट्रंप ने पिछले महीने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ा दिया, जिसका मकसद रूस की युद्धकालीन आमदनी को नुकसान पहुंचाना है। ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर पोस्ट किया, "मैं अपने बहुत अच्छे मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से आने वाले हफ्तों में बात करने का इंतजार कर रहा हूं। मुझे यकीन है कि दोनों महान देशों के लिए सफल समापन में कोई कठिनाई नहीं होगी।"
शरीफ ने ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए समर्थन देकर उनके साथ संबंध मजबूत किए हैं। खासकर अमेरिका प्रायोजित बातचीत के बाद जो मई 2025 में भारत-पाकिस्तान युद्धविराम कराने में सफल रहीं। हालांकि, मोदी ने ट्रंप को इस राजनयिक सफलता का श्रेय देने से इनकार किया है। ट्रंप अब तक 45 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवा दिया। लेकिन भारत ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया।
शरीफ का यह दौरा अमेरिका में एक व्यस्त सप्ताह के बाद आया है। उन्होंने ट्रंप और आठ अरब तथा मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ ग़ज़ा में इसराइल-हमास युद्ध समाप्त करने पर संयुक्त बैठक की। इसके अलावा, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लिया और शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान का औपचारिक भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं।
ट्रंप ने जून 2025 में व्हाइट हाउस में मुनीर के साथ लंच होस्ट किया था। बाद में मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया। जिसमें इस्लामाबाद ने ट्रंप की भूमिका का हवाला दिया जो मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता करने में सहायक रही। जुलाई 2025 में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक व्यापारिक समझौता हुआ, जिसमें अमेरिका पाकिस्तान के अप्रयुक्त तेल भंडारों के विकास में मदद करेगा और पाकिस्तानी निर्यात पर टैरिफ कम करेगा।
यह दौरा क्षेत्रीय समीकरण और व्यापार संबंधों को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अमेरिका-पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग की संभावना बढ़ रही है, जबकि भारत पर रूस के खिलाफ दबाव बढ़ रहा है।
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भारत के लिए इसके निहितार्थ गंभीर हैं

कुल मिलाकर भारत के लिए निहितार्थ गंभीर हैं। रक्षा मंत्री आसिफ के "भारत पर विजय" वाले बयान से क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है। हालिया युद्ध में पाकिस्तान द्वारा भारतीय विमानों को मार गिराने का जिक्र और ट्रंप का संयुक्त राष्ट्र भाषण में भारत पर निशाना साधना (जिसमें युद्ध और शांति के दावे किए गए) भारत-अमेरिका-पाकिस्तान गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है। यह झुकाव क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को नया मोड़ दे सकता है।