UN Trump Gaza Plan: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ट्रम्प की 20-सूत्रीय ग़ज़ा शांति योजना का समर्थन करने वाले अमेरिकी प्रस्ताव को 13-0 से पारित कर दिया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों की तैनाती भी शामिल है। हमास ने इन शर्तों को नामंज़ूर कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ग़ज़ा शांति योजना के पक्ष में मतदान किया। इसमें अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों को तैनात करने का प्रावधान शामिल है। इस घटनाक्रम ने वाशिंगटन के 20-सूत्रीय योजना को आगे बढ़ाया है, जिसमें ग़ज़ा में युद्धविराम लागू करने, पुनर्निर्माण और शासन के लिए पहला व्यापक अंतर्राष्ट्रीय रोडमैप तैयार करने का प्रस्ताव है।
UNSC में भारी समर्थन
ब्रिटेन, फ्रांस और सोमालिया सहित 13 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि किसी भी देश ने इसके खिलाफ वोट नहीं दिया। रूस और चीन ने मतदान में भाग नहीं लिया।
इस मतदान के साथ ही, यह मसौदा अब एक अनुमोदित जनादेश (endorsed mandate) में बदल गया है, जिससे ग़ज़ा के लिए एक अंतरिम प्राधिकरण (transitional authority) के गठन को मजबूती मिली है।
योजना के मुख्य प्रावधान
सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव में ट्रम्प का मसौदा भी शामिल है। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को प्रस्तावित 'बोर्ड ऑफ पीस' में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। यह अंतरिम निकाय ग़ज़ा के पुनर्निर्माण और आर्थिक स्थिरता का मार्गदर्शन करेगा।
प्रस्ताव में एक अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilisation Force - ISF) को शामिल है। जिसका प्रमुख मिशन निरस्त्रीकरण (demilitarisation) करना होगा। इसे "हथियारों को निष्क्रिय करने और सैन्य बुनियादी ढांचे को नष्ट करने" के रूप में परिभाषित किया गया है।
दस्तावेज़ में कहा गया है कि एक बार जब फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) सुधार कार्यक्रम पूरा कर लेता है और ग़ज़ा का पुनर्विकास आगे बढ़ता है, तो "फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्य के लिए एक विश्वसनीय रास्ता" के लिए स्थितियां बन सकती हैं। अमेरिका, इसराइल और फिलिस्तीनियों के बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक राजनीतिक क्षितिज (political horizon) पर सहमत होने के लिए संवाद स्थापित करेगा।
हमास को प्रस्ताव नामंज़ूर, कहा 'अंतर्राष्ट्रीय ट्रस्टीशिप'- ग़ज़ा में सत्तारूढ़ समूह हमास ने सुरक्षा परिषद के फैसले को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। समूह ने कहा कि यह संकल्प "फिलिस्तीनियों के अधिकारों और मांगों को पूरा करने में विफल है।" यह ग़ज़ा पर "एक अंतर्राष्ट्रीय ट्रस्टीशिप" थोपने का प्रयास है, जिसका फिलिस्तीनी लंबे समय से विरोध करते रहे हैं।
हमास ने उस प्रावधान की कड़ी आलोचना की जिसमें सशस्त्र समूहों को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, हमास ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय बल को ग़ज़ा पट्टी के अंदर कार्य और भूमिकाएँ सौंपना, जिसमें प्रतिरोध को निरस्त्र करना शामिल है, इसकी तटस्थता के खिलाफ है। यह एक तरह से ग़ज़ा पर कब्जे की कोशिश है। जिसमें हमास के समूहों से हथियार लेना है।"
ट्रम्प ने यूएनएससी के 'ऐतिहासिक अनुमोदन' का स्वागत किया
राष्ट्रपति ट्रम्प ने सुरक्षा परिषद के मतदान का तुरंत स्वागत किया। उन्होंने इस नतीजे को वैश्विक कूटनीति के लिए एक मील का पत्थर बताया और समर्थन करने वाले देशों की प्रशंसा की। ट्रम्प ने कहा कि "बोर्ड ऑफ पीस," जिसकी अध्यक्षता वह स्वयं करेंगे, को यह मंजूरी "संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़े अनुमोदनों में से एक" के रूप में दर्ज होगी।
हालांकि, इस बीच इसराइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी राज्य के गठन को अस्वीकार करने की अपनी बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि इसराइल ग़ज़ा के निरस्त्रीकरण को "आसान तरीके से या कठिन तरीके से" सुनिश्चित करेगा।
ग़ज़ा के ताज़ा हालात बहुत अच्छे नहीं
ग़ज़ा पट्टी में चल रहे संकट ने दो वर्षों से अधिक समय से मानवीय त्रासदी को जन्म दिया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से 5 नवंबर 2025 तक लगभग 70,000 फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,70,000 से अधिक घायल हुए हैं। हाल ही में 10 अक्टूबर 2025 को अमेरिका द्वारा कराए गए युद्धविराम के बावजूद स्थिति नाजुक बनी हुई है। इसराइल ने युद्धविराम का कम से कम 282 बार उल्लंघन किया है, जिसमें हवाई हमले, गोलाबारी और सीधी बमबारी शामिल हैं, जिससे सैकड़ों और मौतें हुई हैं। युद्धविराम के तहत प्रतिदिन कम से कम 600 ट्रक मानवीय सहायता पहुंचाने का प्रावधान था, लेकिन केवल एक-चौथाई ही पहुंच पा रही है, जिससे भुखमरी और कुपोषण की स्थिति और गंभीर हो गई है।
ग़ज़ा का परिदृश्य अब पूरी तरह विनाश का मलबा बन चुका है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग़ज़ा सिटी से बेत हानुन तक फैला इलाका मलबे के ढेरों से ढका है, जहां स्कूल और खेल के मैदान कब्रिस्तानों में बदल गए हैं। सर्दियों की शुरुआत के साथ बाढ़ ने 13,000 विस्थापित परिवारों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जबकि सहायता की कमी से बीमारियां फैल रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनरवा ने चेतावनी दी है कि 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे आक्रामक व्यवहार, उदासी और हिंसा के लक्षण दिखा रहे हैं, जो युद्ध के दीर्घकालिक आघात का नतीजा है। इसी बीच हमास अपना नियंत्रण मजबूत कर रहा है। जहां वो मुर्गे की कीमतों से लेकर सिगरेट पर शुल्क लगाकर आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रहा है, जबकि अमेरिकी योजना के तहत भविष्य की व्यवस्था पर बातचीत धीमी गति से चल रही है।
इसराइल बार-बार कर रहा युद्धविराम का उल्लंघन
10 अक्टूबर 2025 को अमेरिका समर्थित युद्धविराम के प्रभावी होने के बाद से ग़ज़ा पट्टी में शांति की उम्मीदें धूमिल पड़ गई हैं, क्योंकि इसराइल ने समझौते का कम से कम 282 बार उल्लंघन किया है। ग़ज़ा सरकार मीडिया कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 10 अक्टूबर से 10 नवंबर तक ये उल्लंघन हवाई हमलों, तोपखाने की गोलाबारी, सीधी गोलीबारी, घरों की तोड़फोड़ और नागरिकों पर फायरिंग के रूप में हुए हैं। इनमें 124 बमबारी, 88 बार नागरिकों पर गोलीबारी, 12 बार "पीली रेखा" (इसराइली नियंत्रण क्षेत्र) से आगे घुसपैठ, 52 घरों की विध्वंस और 23 फ़लस्तीनियों की गिरफ्तारी शामिल हैं। इससे 242 फ़लस्तीनी मारे गए और 622 घायल हुए, जिनमें अधिकांश महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ओचए (OCHA) ने भी पुष्टि की है कि युद्धविराम के बावजूद रोज़ाना विस्फोट और इसराइली हमले जारी हैं, खासकर पूर्वी खान यूनिस और पूर्वी ग़ज़ा सिटी में।
ये उल्लंघन न केवल हिंसा बढ़ा रहे हैं, बल्कि मानवीय सहायता को भी बाधित कर रहे हैं। युद्धविराम के तहत प्रतिदिन 600 ट्रक सहायता पहुंचाने का प्रावधान था, लेकिन केवल एक-चौथाई ही पहुंच पा रही है, जिससे भुखमरी और बीमारियां फैल रही हैं। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के अनुसार, केवल 3,451 ट्रक ही 10 अक्टूबर से 9 नवंबर तक ग़ज़ा पहुंचे। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि बिना अंतरराष्ट्रीय निगरानी के ये उल्लंघन युद्धविराम को पूरी तरह विफल कर सकते हैं, जबकि हमास ने भी 18 उल्लंघनों का दावा किया है। 17 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के बावजूद, स्थिति नाजुक बनी हुई है, और मध्य पूर्व में शांति की राह अभी भी अनिश्चित है।