अमेरिकी अभियोजकों ने एक सनसनीखेज खुलासे में दावा किया है कि दो भारतीय नागरिकों निखिल गुप्ता और विकास यादव ने खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी और इसके साथ ही नेपाल या पाकिस्तान में एक अन्य व्यक्ति की हत्या पर भी चर्चा की थी। यह आरोप न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिला अदालत में इस सप्ताह दायर किए गए 61 पेज के एक दस्तावेज में लगाए गए हैं, जिसमें गुप्ता और यादव के खिलाफ सबूतों की जानकादी दी गई है। निखिल गुप्ता मामले की सुनवाई 3 नवंबर से शुरू होने वाली है।

अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, मई 2023 में शुरू हुई इस साजिश में विकास यादव ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या के लिए भाड़े का हत्यारा ढूंढने का निर्देश दिया था। आरोप है कि विकास उस समय भारत सरकार के लिए काम करने वाले एक खुफिया अधिकारी थे। दस्तावेज में कहा गया है कि यादव ने गुप्ता को पन्नू के आवासीय पते, फोन नंबर और दैनिक गतिविधियों की जानकारी दी थी।
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अमेरिका ने कहा है कि इस साजिश को नाकाम करने में अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन यानी डीईए की भूमिका अहम रही। गुप्ता ने एक व्यक्ति से संपर्क किया जिसे उन्होंने भाड़े का हत्यारा समझा, लेकिन वह वास्तव में डीईए का एक गुप्त एजेंट था। गुप्ता ने इस अंडरकवर एजेंट को हत्या के लिए 15000 डॉलर की अग्रिम राशि दी थी, और कुल एक लाख डॉलर की राशि तय की गई थी।

नेपाल या पाकिस्तान में एक अन्य हत्या की योजना?

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी अभियोजकों ने यह भी दावा किया है कि गुप्ता और यादव ने नेपाल या पाकिस्तान में एक अन्य व्यक्ति की हत्या की योजना पर चर्चा की थी। हालाँकि, दस्तावेज में इस अन्य व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। 

अमेरिकी अभियोजकों ने गुप्ता और यादव को कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भी जोड़ा है, जिसे जून 2023 में कनाडा में गोली मार दी गई थी।

निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी

निखिल गुप्ता को जून 2023 में चेक गणराज्य में अमेरिकी क़ानून प्रवर्तन के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया था और जून 2024 में उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। गुप्ता ने हत्या की साजिश के आरोपों में खुद को निर्दोष बताया है। दूसरी ओर विकास यादव की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है और माना जाता है कि वह भारत में हैं। अमेरिकी न्याय विभाग ने यादव के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए हैं।

भारत सरकार का रुख

पन्नू की हत्या की साजिश की जानकारी सामने आने के बाद, भारत सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की थी। इस समिति ने इस वर्ष की शुरुआत में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में एक व्यक्ति के आपराधिक संबंधों और पृष्ठभूमि का उल्लेख किया गया था, जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग की चार्जशीट में उल्लिखित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। सिख्स फॉर जस्टिस संगठन के प्रमुख हैं और खालिस्तान आंदोलन के समर्थक हैं। भारत सरकार ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। 

कनाडा के साथ तनाव

इधर, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया था। कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर की हत्या में चार भारतीय नागरिकों पर आरोप लगाए हैं। इसके बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंध बेहद खराब हो गए थे। भारत ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज किया है। बाद में जब कनाडा में सरकार बदली तो अब दोनों देशों के बीच संबंधों में फिर से सुधार हो रहा है। 
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अमेरिका-भारत संबंधों पर असर

पन्नू का यह मामला भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को प्रभावित कर सकता है, खासकर तब जब दोनों देश चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से इस मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों देश इस मामले में सहयोग कर रहे हैं और हाल ही में भारतीय जांच समिति ने वाशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

यह मामला अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है। पन्नू की हत्या की साजिश और एक अन्य संभावित हत्या की योजना का खुलासा भारत की वैश्विक छवि और इसके पश्चिमी देशों के साथ संबंधों पर असर डाल सकता है। भारत सरकार ने इस मामले में अपनी जांच को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इस मामले में और क्या खुलासे होंगे और इसका भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या असर पड़ेगा।