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अमेरिका : पुलिस फ़ायरिंग में एक और अश्वेत मारा गया, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन 

अमेरिका में अश्वेतों के जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों के बीच पुलिस ज़्यादती में एक और अश्वेत के मारे जाने की ख़बर आई है। अटलांटा शहर में गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे अश्वेत नागरिक रेशर्ड ब्रुक्स को पुलिस ने गोली मार दी, अस्पताल में उनकी  मौत हो गई।

पुलिस प्रमुख का इस्तीफ़ा

मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने पुलिस प्रमुख के इस्तीफ़े का एलान किया है। समझा जाता है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन के रनिंग मेट होंगे, यानी यदि बाइडन जीत गए तो वह उप राष्ट्रपति बनेंगे। 

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खबरों कहा गया है कि अफ़्रीकी अमेरिकी ब्रुक्स वेन्डीज़ फ़ास्ट फ़ूड रेस्तरां के सामने अपनी गाड़ी में सोए हुए थे। वेन्डीज़ के मालिक ने शिकायत कर दी कि ब्रुक्स वह जगह खाली नहीं कर रहे हैं और इस वजह से ग्राहकों को दिक्क़त हो रही है। 
जॉर्जिया के जाँच ब्यूरो ने कहा है कि उस अश्वेत नागरिक ने गिरफ़्तारी का विरोध किया तो पुलिस ने गोली चला दी।

क्या हुआ?

ख़बरों के अनुसार, वीडियो में देखा जा सकता है कि ब्रुक्स ने पुलिस के हाथ से टेजऱ (एक तरह का लेज़र हथियार) छीन लिया और भागने लगे। 
पुलिस ने उनका पीछा किया और पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस वालों की ओर टेजर का रुख किया, इस पर पुलिस ने गोली चला दी।
ब्रुक्स को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई।

जॉर्ज फ़्लायड का मामला

बता दें कि अमेरिका में कुछ दिन पहले पुलिस ज़्यादती में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत होने के बाद पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। मीनियापोलिस राज्य में जॉर्ज फ़्लॉयड की मौत के बाद अलग-अलग शहरों में हज़ारों की तादाद में अश्वेत स्त्री-पुरुष सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन करने लगे थे। 
लॉज एंजिलिस, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन, वॉशिंगटन व न्यूयॉर्क समेत कई शहरों में बड़ी तादाद में श्वेत-अश्वेत सड़कों पर आ गए और 'ब्लैक लाइव्स मैटर' का बोर्ड लेकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने मयामी में लूटपाट की। न्यूयॉर्क राज्य के ब्रुकलिन में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पुलिस ने एक गाड़ी घुसा दी। न्यूयॉर्क के गवर्नर बिल डी ब्लेज़ियो ने कहा कि वे इससे परेशान हैं।

वॉशिंगटन में सुरक्षा बलों ने कहा कि वे राष्ट्रपति भवन के पास तैनात हैं और किसी को वहां नहीं पहुचने देंगे। शहर के लफ़ाएत चौक पर एक होटल में आग लगा दी गई। पुलिस ने इस पर काबू पा लिया है। 

बाद में व्हाइट हाउस के सामने विरोध प्रदर्शन हुए और सुरक्षा अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को तहखाने में बने बंकर में ले गए। 
लेकिन भारत में रंगभेद की क्या स्थिति है? क्या हम किसी दूसरी तरह के नस्लवाद के शिकार हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने सत्य हिन्दी के लिए विश्लेषण किया था। देखें वह वीडियो। 
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क़मर वहीद नक़वी
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