अमेरिकी अदालत ने व्हाट्सएप को निशाना बनाने से इसराइली स्पाईवेयर कंपनी NSO Group पर पाबंदी लगाई है। कंपनी पर आरोप था कि उसने व्हाट्सएप के ज़रिए यूज़र्स की जासूसी की।
अमेरिकी अदालत ने शुक्रवार को इसराइली स्पाइवेयर कंपनी एनएसओ ग्रुप को व्हाट्सएप यूजरों को अपने पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर से निशाना बनाने से स्थायी रूप से रोक दिया। उत्तरी कैलिफोर्निया की संघीय अदालत की जज फिलिस हैमिल्टन ने अपने फ़ैसले में कहा कि एनएसओ की गतिविधियाँ अपूरणीय क्षति पहुंचाती हैं और ये अभी भी जारी हैं। हालाँकि, अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिस हैमिल्टन ने शुक्रवार को अपने फैसले में, एनएसओ समूह को दंडात्मक हर्जाने के रूप में भुगतान करने के लिए निर्देशित की गई लगभग 168 मिलियन डॉलर की पूर्व राशि को घटाकर 4 मिलियन डॉलर कर दिया।
यह मुकदमा नवंबर 2019 में कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में दायर किया गया था। मेटा ने आरोप लगाया कि एनएसओ ने अप्रैल-मई 2019 में सिर्फ दो हफ्तों में व्हाट्सएप के लगभग 1400 यूजरों के डिवाइस को पेगासस स्पाइवेयर से हमले करने की कोशिश की। इनमें पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और अन्य अहम लोग शामिल थे। ये 20 से ज़्यादा देशों से थे।
एनएसओ पर क्या आरोप
ट्रायल के दौरान पेश सबूतों से पता चला कि एनएसओ ने व्हाट्सएप के कोड को रिवर्स-इंजीनियरिंग करके चुपके से स्पाइवेयर इंस्टॉल किया। यह सॉफ्टवेयर बार-बार डिजाइन किया गया ताकि व्हाट्सएप की सिक्योरिटी फिक्स को बायपास कर सके और पता न चल सके। हमला इतना खतरनाक था कि यूजर को कुछ न करना पड़े- बस एक मिस्ड कॉल या 'जीरो-क्लिक' अटैक से फोन संक्रमित हो जाता था। इससे एन्क्रिप्टेड मैसेजेस को डिक्रिप्ट करके चुराया जा सकता था। अदालत ने इसे अवैध करार दिया और कहा कि यह व्हाट्सएप के मुख्य उद्देश्य गोपनीयता को नष्ट करता है।
अदालत का फैसला
जज हैमिल्टन ने फैसले में कहा कि एनएसओ की गोपनीय प्रकृति वाली गतिविधियों को देखते हुए व्यापक रोक जरूरी है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार जज ने एनएसओ को मेटा प्लेटफॉर्म्स से जुड़े सभी कंप्यूटर कोड को डिलीट करने और नष्ट करने का आदेश दिया, ताकि भविष्य में उल्लंघन न हो। यह स्थायी रोक एनएसओ के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि कंपनी ने पहले ही दावा किया था कि व्हाट्सएप पर रोक लगने से उसका 'पूरा बिजनेस खतरे में पड़ जाएगा' और वह बंद हो जाएगी।
हालांकि, अदालत ने जूरी ट्रायल में तय 167 मिलियन डॉलर के पनिशमेंट डैमेज को घटाकर 4 मिलियन डॉलर (करीब 33 करोड़ रुपये) कर दिया। जज ने कहा कि स्पाइवेयर युग में ऐसे अवैध निगरानी के मामले अभी कम हैं और डैमेज का अनुपात 9:1 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। कुल मिलाकर, मेटा को अब 4 मिलियन डॉलर ही मिलेंगे।
व्हाट्सएप और मेटा की प्रतिक्रिया
व्हाट्सएप के हेड विल कैथकार्ट ने एक्स पर बयान जारी कर कहा, 'आज का फैसला स्पाइवेयर बनाने वाली एनएसओ को व्हाट्सएप और हमारे वैश्विक यूजरों को निशाना बनाने से हमेशा के लिए रोकता है।' उन्होंने इसे छह साल की कानूनी लड़ाई की जीत बताया, जो सिविल सोसाइटी के सदस्यों को निशाना बनाने के खिलाफ जवाबदेही सुनिश्चित करता है। मेटा ने कहा कि यह फैसला गोपनीयता की रक्षा के लिए मील का पत्थर है।
पेगासस स्कैंडल
एनएसओ का पेगासस स्पाइवेयर सालों से विवादों में रहा है। इसे मानवाधिकार उल्लंघनों को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। 2021 के पेगासस प्रोजेक्ट में खुलासा हुआ था कि यह पत्रकारों, राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाता है। अमेरिका ने 2021 में एनएसओ को ब्लैकलिस्ट किया था। यह फैसला स्पाइवेयर इंडस्ट्री के लिए चेतावनी है, खासकर जब व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स 20 अरब से ज्यादा यूजरों के पास हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गोपनीयता कानूनों को मज़बूत करेगा और अन्य देशों को प्रभावित कर सकता है।
यह अदालती फ़ैसला डिजिटल गोपनीयता की जीत है, लेकिन एनएसओ के भविष्य पर सवाल उठाता है। मेटा की लंबी कानूनी लड़ाई ने साबित किया कि बड़ी टेक कंपनियां स्पाइवेयर कंपनियों को चुनौती दे सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यह मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लिए राहत है, लेकिन एनएसओ जैसे फर्म्स के अन्य टूल्स पर नजर बनी रहेगी। यदि अपील हुई तो मामला और लंबा खींच सकता है।