युद्ध का नतीजा यूक्रेन के लिए कुछ भी हो, लेकिन रूस के लिए नतीजे सामने हैं। अमेरिका और ब्रिटेन के नेतृत्व में नाटो देशों ने जो आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं उससे रूस की अर्थव्यवस्था अब छटपटाने लगी है। तो क्या रूस नाटो के इस नये 'युद्ध' तकनीक के जाल में फँस गया है? क्या नाटो यह लड़ाई सैनिकों से नहीं, बल्कि आर्थिक प्रतिबंध से लड़ रहा है?
यूक्रेन को भले ही घेरा हो, पर नाटो के नये आर्थिक 'युद्ध' से कैसे लड़ेंगे पुतिन?
- दुनिया
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- 2 Mar, 2022
यूक्रेन में रूसी सैनिक जैसे-जैसे आगे बढ़ते जा रहे हैं और रूस उतना ही बुरी तरह से फँसता दिख रहा है आर्थिक मोर्चे पर! क्या आर्थिक प्रतिबंधों को झेल पाएगा रूस?

यूक्रेन में रूसी हमले के बाद यूरोपीय यूनियन और नाटो देशों द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध के कुछ दिनों में ही रूस की अर्थव्यवस्था पर इसके नतीजे दिखने लगे हैं। रूसी मुद्रा का जबरदस्त अवमूल्यन हुआ है। यानी रूसी मुद्रा का मूल्य गिर गया है। बुधवार को तो एक डॉलर के लिए 117 रूसी रूबल चुकाने पड़ रहे हैं। रूस के केंद्रीय बैंक को अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए ब्याज दर दुगुना करना पड़ा है और यह 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। केंद्रीय बैंक जमा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा करते हैं। लेकिन यह ब्याज दर अप्रत्याशित है।